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शिव ओम गुप्ता |
शायद यही कारण है कि लालू यादव दोनों बेटों का राजनीतिक भविष्य बनाने के लिए नीतीश कुमार के साथ गठजोड़ कर खून के आंसू पी रहें हैं और अपने हवाई सपनों के संभावित अड़चनों से डरे -सहमें लालू यादव गाली-गलौज पर उतर आये हैं।
लालू यादव को थोड़ा आत्मचिंतन करना चाहिए कि बिहार में जंगलराज मतलब लालू यादव ही होता है और चारा घोटाला आरोप नहीं है, बल्कि लालू न्यायालय द्वारा घोषित अपराधी और सजायाफ्ता है, जो जमामत पर बाहर हैं।
समझ नहीं आता है कि लालू यादव को सुन कौन रहा है और बिहार में कौन ऐसा मतदाता होगा जो लालू मतलब जंगलराज को वोट देकर बिहार में वापसी कराना चाहेगा?
लालू नीतीश का जोड़ी का सत्ता से जाना चो लगभग तय हैं, देखना यह है कि बिहार की जनता इनकी कैसी विदाई करेगा?
क्योंकि लालू और नीतीश दोनों को बिहार में आसन्न भयानक हार की आशंका हो गई है, जिसे दोनों के वागियात बयानों से समझा भी जा सकता है।
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