रविवार, 30 अगस्त 2015

चोरों-घोटालेबाजों के साथ नीतीश के गठबंधन को वोट नहीं करेगा बिहार

बिहार में आयोजित महागठबंधन रैली को भले स्वाभिमान नाम दिया गया है, लेकिन महागठबंधन में शामिल पार्टियों का इतिहास जानने वाली जनता में इनके प्रति मुश्किल से स्वाभिमान जाग पायेंगे?

चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव की पार्टी की काला इतिहास, कोलगेट, रेलगेट, कॉमवेल्थ, 2जी और जीजा जी घोटाले वाली कांग्रेस और बिहार को विकास के रास्ते से उतार चोरों और घोटालेबाजों का साथ देने वाली पार्टी जनता दल यू को बिहार की जनता सिरमाथे निश्चित नहीं बिठायेगी।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि बिहार विधानसभा से आगामी चुनाव में यह महागठबंधन (महाठगबंधन) बुरी तरह हार का सामना करेगी, क्योंकि जिस तरह से ईमानदारी छवि वाले मोदी के खिलाफ सारे कुख्यात पार्टियां एकजुट हुईं है उससे जनता में मोदी के प्रति भरोसे को और बढ़ा दिया है।

बिहार की जनता देख रही है कि कैसे बीजेपी को केवल हराने के लिए चोरी और घोटालों को दोषी और आरोपी आपस में किस तरह हाथ से मिला रहें हैं।

नीतीश कुमार अपनी पुरानी साख, विकासवादी शक्ल और सुशासनवादी छवि के साथ अगर अकेले आगामी विधानसभा चुनाव लड़ते तो शायद अपनी और पार्टी की इज्जत बचा लेते, लेकिन चोरो और घोटालेबाजों को अपने साथ बैठा लेने वाले नीतीश कुमार अब कांग्रेस और आरजेडी की मौत ही मरते दिखाई दे रहें हैं।

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