जिस नेता के खिलाफ बोलना हो, दिल खोलकर लिखिये और बोलिये, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आईटी एक्ट की उस धारा को ही रद्द कर दिया है, जिसको आधार बनाकर देश के खिलंदड़ टाइप के नेता अपना बचपना दिखाते रहे थे, जय हो लोकतंत्र!
गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने आईटी एक्ट की धारा -66A को पूरी तरह से रद्द कर दिया है, यानी अब सोशल मीडिया पर किसी भी नेता पर टिप्पणी करने पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी।
याद होगा, अभी हाल ही में सपा के बड़के और भड़काऊ बयीनों वाले नेता ने एक 13 वर्षीय लड़के की गिरफ्तारी इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उसने आजम खां के खिलाफ सोशल मीडिया में चल रहे एक बयान को महज शेयर किया था!
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