गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

कांग्रेसी नेता कु. सैलजा भी मान गईं कि कांग्रेसी सरकारें नकारा थीं!

कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं की फस्ट्रेशन देखते ही बनती है। कभी यूनियन मिनिस्टर रहीं कुमारी सैलजा कहती है कि वर्ष 2013 में जब वह द्वारका स्थित मंदिर गईं थीं तो उनसे उनकी जाति पूछा गया था?

सैलजा मैडम, जब यह सवाल अगर 2013 में पूछा गया था तो बतौर यूनियन मिनिस्टर तब क्यों नहीं कुछ उखाड़ लिया और अब क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो?

हद है मतलब...कुछ भी? क्या सैलजा जैसे नेता देश की जनता को अभी भी मूर्ख समझती हैं कि जो भी बकलोली वो करेंगी वो मान जायेगी।

सैलजा मैडम जो काम पिछले 60-65 वर्षों में कांग्रेस की कोई सरकारें नहीं कर पाई, उसे वह बीजेपी सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में ही देखना चाहती है या मकसद कुछ और है।

मैडम सैलजा यह 5, 000 वर्ष पुरानी संस्कृति है, जिसे सुधरने में वक्त लगता है और आपने कुछ किया होता तो आपको अपना मुंह खोलने हक भी होता और अब महज सरकार को बदनाम करने के लिए बनावटी असहिष्णुता का झूठा मातम कर रहीं हैं।

मैडम सैलजा ही नहीं, ऐसे तमाम कांग्रेसी नेता समाज सुधार की लुकाठी लिए जहां-तहां घूमते फिर रहें हैं, लेकिन इनमें यह बताने की जरा भी संकोच और शर्म नहीं है कि देश पर प्रत्यक्ष और परोक्ष 60 वर्ष से अधिक शासन करने वाली कांग्रेसी नेताओं ने सरकार में रहते हुए मलाई काटने के अतिरिक्त अब तक कुछ क्यों नहीं किया था?

मतलब, आज हर कांग्रेसी नेता समाज और संस्कृति सुधार के लिए निकल पड़े हैं, जिसको देखो वही ज्ञान पेल रहा है कि देश में फलां गलत है और ढेमका को सही होना चाहिए, लेकिन यह नहीं बताते उन्होंने क्या उखाड़ लिया था?

यानी कांग्रेसी यह मान चुके हैं कि देश में कुछ भी अच्छा व सुधार हो सकता है तो वह मोदी (बीजेपी) सरकार ही कर सकती है और अब तक चुनी गई कांग्रेसी सरकारें नकारा थी, जिन्होंने सिर्फ अपनी जेबें भरीं और कुछ नहीं किया?
#KumariShailja #Congress #Intolerance

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