बुधवार, 12 अगस्त 2015

केजरीवाल के घड़ियाली आंसू पर क्या अब रंग बदलेंगे योगेंद्र यादव?

कभी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पिछवाड़े पर लात मारकर पार्टी से निकालने की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल आज योगेंद्र यादव की घाव पर मरहम लगाने की बात कर रहें हैं।

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण शायद भूले नहीं होंगे जब केजरीवाल के मुस्टंगों ने योगेंद्र यादव समेत सभी आजाद ख्यालों को वादे के मुताबिक भरी बैठक में उठाकर बाहर फेंक दिया था।

आज केजरीवाल ने गिरगिट की तरह रंग बदल कर योगेंद्र यादव के लिए घड़ियाली आंसू भी बहा दिये, लेकिन समझने वाली बात यह है कि योगेंद्र यादव केजरीवाल का कैसे स्वागत करते हैं।
#Kezriwal #YogendraYadav #AAP #SwarajAbhiyan #DelhiPolice #Arrested 

मंगलवार, 11 अगस्त 2015

केजरीवाल को नैतिकता पर घेरते तो योगेंद्र को कुछ माईलेज भी मिलता?

चुनाव विश्लेषक, आप नेता और अब स्वराज अभियान को जनक योगेंद्र यादव की हरकतों और राजनीतिक समझ पर अब तो तरस आने लगा है।

आम आदमी पार्टी से बेइज्जत करके निकाले गये योगेद्र यादव की दूरदर्शिता पर तब भी सवाल उठे थे जब उन्होंने केजरीवाल से इतर अलग पार्टी के गठन पर ताल-मटोल करते हुए स्वराज अभियान की शुरुआत की थी।

योगेंद्र कोशिश करते तो केजरीवाल के खिलाफ बने तात्कालिक माहौल को नैतिक आधार में अपने पक्ष में कर सकते थे और पार्टी के आधे विधायकों को खुद के साथ हुए व्यवहार का हवाला देकर अलग-थलग कर सकते थे, लेकिन योगेंद्र तब न जाने कौन से फ्री जोन में घूम रहे थे?

अब बीती रात 1 बजे लैंड बिल के लिए प्रधानमंत्री निवास पर जाने क्या करने जाने जा रहे थे? जबकि लैंड बिल में सरकार द्वारा सभी संसोधनों को वापस ले लिए जाने कोई दम नहीं बचा है?

केजरीवाल को उसकी अधिनायकवादी और अवसरवादी रवैये पर घेरने और नैतिकता सिखाने के बजाय योगेंद्र फिजूल की एनर्जी खराब कर रहें हैं।

बजाय इसके योगेंद्र अगर केजरीवाल को आईना दिखाते हुए आंदोलन करते तो लोगों की सहानुभूति मिलती और एक राजनीतिक पृष्ठभूमि भी तैयार होती, लेकिन अफसोस है कि योगेंद्र शून्यता की ओर बढ़ रहें हैं।

#YogendraYadav #Kezriwal #AAP #SwarajAbhiyan #DelhiPolice #ThrowOut 

खूब लड़ी मर्दानी...वो जो दिल्ली वाली लांबा थी?

केजरीवाल की छाती फूलकर उस वक्त दो गज की हो गई जब अलका लांबा नामक मर्दानी खून से लथपथ होकर भी अग्निपथ पर चलती रहीं?

और जब से खूब लड़ी मर्दानी की टीवी पर ऑडियो के बाद वीडियो लांच हुआ है तब से केजरीवाल लांबा को वर्ष 2015 का फिल्मफेयर अवॉर्ड देने के बाद की स्पीच तैयार कर रहें हैं।

केजरीवाल, "अलका लांबा मुझे तुझपे गर्व है? कहते हैं कि जब कोई अपना ड्रामेबाज कैटेगरी का बेस्ट अवॉर्ड जीत लेता है तो आंखें बस नम हो जाती हैं जी...

केजरीवाल, "देश को तुमपे नाज़ है अलका...ऐसी ही आगे बढ़ती रहो? वैसे तो सूरज को दिया नहीं दिखाया जा सकता है, लेकिन फिर भी मेरी सलाह है कि अगली बार शॉट देने से पहले मेकअप मैन और सिनेमेटोग्रॉफर जरूर बदल लेना, आमीन!

नेपथ्य में-
केजरीवाल-(अलका लांबा का गला दबाते हुए) अगर मैं फिल्मों के रीव्यू और प्ले देखने में बिजी नहीं होता तो मुझसे ड्रामेबाज कैटेगरी का अवॉर्ड नहीं छीन सकता था...(गला छोड़ते हुए) लेकिन अच्छी बात यह है कि घर का अवॉर्ड घर में ही गया?

#AlkaLamba #Kezriwal #AAP #Gundagardi #Drug #Drama #AapMla #DirtyPolitics

सोमवार, 10 अगस्त 2015

एक खुली, नंगी और उधड़ी पाती नीतीशकुमार के नाम?

फिजूल की बातें मत कीजिये नीतीश जी ? डीएनए की बात और बीमारू राज्य के मुद्दे दोनों में कोई दम नहीं है। प्रधानमंत्री ने बिहार के डीएनए नहीं, आपके डीएनए की बात की है, कन्फ्यूज मत होइ़ये?

क्योंकि बिहार के लोग काफी इंटलीजेंस होते हैं, उन्हें पता है कि केवल बाप का डीएनए ही बेटे से मेल खाता है और अब आप यह तो नहीं कहेंगे कि आप सभी बिहारियों के बाप हैं या आपका डीएनए सभी बिहारियों के डीएनए में है?

ऐसा मत करो, बिहार के लोगों का अपमान कर कर रहें हैं। ऐसा न हो कि आपकी इस गाली से विधानसभा चुनाव में एक सीट भी निकलनी मुश्किल हो जाये।

दूसरी बात, बीमारू प्रदेश की है तो अगर बिहार बीमारू प्रदेश नहीं होता तो पिछले 10 वर्षों से आप खुद विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राजनीति नहीं कर रहे होते?

तो सीधी सी बात है कि कोई और रास्ता निकालों, क्योंकि दोनों मुद्दों में कोई दम नहीं है, क्योंकि आत्मघाती और उड़ते हुए तीर हैं जो आके अपने ही पिछवाड़े लगेंगे और खुद को ही घायल कर बैठेंगे?

#NitishKumar #JDU #RJD #Modi #DNA #SickState #BiharPolls #DirtyCoalition

कांग्रेसी बोले, "हम गधे के सिर पर सींघ उगा कर रहेंगे?

कांग्रेस एंड पार्टी के नेता आरोप गधे पर लगे सींघ की तरह तब गायब हो जाते हैं जब उनसे पूछा जाता है कि बताइये आपके पास क्या सुबूत है कि उन्होंने क्या गलत काम किया है?

यह सवाल पूछते ही सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी समेत सभी छुटभैय्या नेताओं को पसीने छूट जाते हैं और हकलाते हुए कहते हैं-

"नहीं, नहीं...गधे के सींघ तो हैं, लेकिन हम बता नहीं सकते और जैसे ही हमारी मांग मान ली गई और सुषमा स्वराज ने इस्तीफा दिया तो गधे के सिर पर सींघ उगा देंगे?"
;-) ;-) ;-) B-) B-) B-)
#SushmaSwaraj #LalitModi #Uproar #Parliament #LokSabha #RajyaSabha

प्रशांत भूषण जैसे विक्षिप्त लोगों को सार्वजनिक मंच नहीं मिलना चाहिए?

शिव ओम गुप्ता
प्रशांत भूषण को जिस किसी ने भी उनके चेंबर में घुस कर मारा था, अब ऐसा लगता है कि उसने सही किया था, क्योंकि बंदे की हरकत कहीं से भी देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में नहीं दिखती है।

सुना है बंदा अब याकुब मेमन की फांसी पर मीडिया चैनलों पर हुई कवरेज पर सरकार द्वारा दी गई नोटिस को मीडिया थ्रेट घोषित कर रहा है।

लोकतांत्रिक ढांचे के अंतर्गत ही सरकार मीडिया चैनलों से सवाल-जबाव कर रही है। आखिर उक्त मीडिया चैनलों ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धता बताकर याकुब की फांसी पर लगातार कवरेज क्यों किया और मुंबई हमलें में दोषी करार अपराधी को जबरन हीरो बनाने की कोशिश क्यों की?

जबाव तो आने चाहिए न कि आखिर उक्त चैनलों ने देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को नीचा क्यों दिखाते हुए लगातार याकुब मेमन की फांसी पर इंसाफ और नाइंसाफी पर बहस क्यों की? जबकि 21 वर्षों के लंबे ट्रायल के बाद याकूब को फांसी की सजा हुई थी।

क्या उक्त चैनलों ने देश की संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं की अवमानना और अपमान नहीं किया है, जो अंतिम फैसला और दया याचिका रद्द किये जाने के बावजूद टीवी पर जोरों तक बहस करती रहीं कि क्या याकूब को फांसी दी जानी चाहिए अथवा नहीं?

प्रशांत भूषण जैसे लोगों की वजह से देश की एकता अखंडता को पहले भी नुकसान हो सकता था, जब प्रशांत भूषण ने पाकिस्तानी और कश्मीर में बैठे अलगाववादी ताकतों के सुर में सुर मिलाते हुए भारत के अभिन्न अंग कश्मीर में जनमत संग्रह की आवाज उठाते हैं।

प्रशांत भूषण की उक्त मांग देशद्रोह से कम छोटा अपराध नहीं है बावजूद इसके भारत में मौजूद मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों के चलते प्रशांत भूषण पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, अगर पाकिस्तान होता तो प्रशांत भूषण के साथ क्या होता प्रशांत भूषण अच्छी तरह से जानते हैं ।

भारत सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत उक्त चैनलों को नोटिस देकर जबाव तलब किया है, जिसका जबाव चैनल्स देंगे, लेकिन प्रशांत भूषण को इसमें भी बेवजह हीरो बनना है और मीडिया में बने रहने के लिए बकवास करना है।

जरा सोचिए? जो आदमी कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर सकता है, 257 से अधिक निर्दोष लोगों की मौत की साजिश करने वाले आतंकी याकूब मेमन के प्रति सहानुभूति रखता हो, ऐसा व्यक्ति देश को लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है? क्या हमें ऐसे किसी की बात सुननी चाहिए?

प्रशांत भूषण की मकसद सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करना और सुर्खियों में बने रहना है, भले ही उनकी हरकतों से देश की अस्मिता और सुरक्षा से समझौता हो जाये।

प्रशांत भूषण जैसे लोगों का मीडिया में ही नहीं, आम जनता में भी विरोध होना चाहिए ताकि ऐसे लोगों को कोई सार्वजनिक मंच न मिल सकें, जहां वे अपनी अराजक और देश विरोधी गतिविधियों को जन्म दे सकें। जय हिंद, जय भारत।

#PrashantBhushan #AAP #Kezriwal #YakubMemon #Referndom #Kashmir #MediaChannel #IBMinistry #Notice

रविवार, 9 अगस्त 2015

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 10 सवाल?

आखिर बिहार की जनता क्यों दें लालू ( चारा घोटाले)+कांग्रेस (2जी, कोलगेट) गठबंधन को वोट?

1) प्रधानमंत्री मोदी ने आपके राजनीतिक डीएनए पर सवाल क्या उठाया, आपने उसे अपने डीएनए और बिहार के डीएनए से जोड़कर राजनीतिक रोटिया सेंकनी शुरु कर दी। इससे बिहार और बिहारी अस्मिता का अपमान हुआ है?

2) आपने इशरत आतंकी को बिहार की बेटी बताकर बिहारी अस्मिता का अपमान नहीं किया?

3)आपने कोसी आपदा के समय गुजरात द्वारा भेजी गई सहायता राशि लौटाकर गुजरात की जनता का अपमान किया?

4)सुप्रीम कोर्ट से निर्दोष सिद्ध होने के बाद प्रधानमंत्री को 2002 के दंगे का दोषी बताकर सर्वोच्च न्यायालय का अपमान नहीं किया?

4)भाजपा से अलग होकर बिहार के जनादेश का अपमान नहीं किया?

5) एसटीइटी पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति न करके सवर्ण वर्ग का अपमान नहीं किया?

6) सरकारी धन से कब्रगाह की घेराबंदी कराके जनता के पैसों का दुरुपयोग नहीं किया?

7) फर्जी शिक्षक बहाल करके बिहारी छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं किया?

8) महर्षि चाणक्य और वाल्मिकी की धरती पर मदिरालय खोलकर इस पवन धरती का अपमान नहीं किया?

9) चारा घोटाले में दोषी और सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव का साथ लेकर दोबारा जंगलराज में ढकेलने का अपराध नहीं किया?

10) बिहार की जनता बीजेपी-जदयू सरकार की गठबंधन सरकार के काम से विकास की ओर बढ़ने लगी थी तो क्या महज स्वार्थ और प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए आपने बिहार को एक बार फिर दलदल में झोंकने का प्रयास नहीं किया?

#BiharPoll #RJD #JDU #Congress #NitishKumar #LaluYadav #FodderScam #2GScam #CoalGate

शनिवार, 8 अगस्त 2015

पोर्न का समर्थन करने वाले लोग किस दुनिया के है?

कला, सिनेमा, राजनीति और सोशल वर्क से जुड़े तमाम सेलिब्रेटीज की बातें सुनकर हैरानी होती है कि वे कितने जड़ों से कटे हुए हैं।

एक तरफ देश चंद्रयान और मंगलयान मिशन पर है तो दूसरी ओर गरीबी और कुपोषण भी देश का स्याह सच है, जिससे उबरना बाकी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि स्पेस मिशन रोक दिय जाये अथवा देश की जमीनी समस्या से आंखें मूंद ली जाये?

लेकिन कुछ स्वघोषित तथाकथित वे बुद्धिजीवी वर्ग, जिन्होंने खुद को जबरन सर्वज्ञाता मानते है और कहते हैं कि अब हम 21वीं और 22वीं जी रहें हैं हमें पुरानी सभ्यता और संस्कृति को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए, तो हंसी छूट जाती है।

हंसी इसलिए छूट जाती है, क्योंकि जिन लोगों ने थोड़े पैसे कमा लिए, थोड़े पैसे जोड़ लिए और विदेशों की सैर कर वहां की अधनंग और उच्छश्रृखल संस्कृति देख ली है, वे उसे विकास का पैमाना मान लिया है और बगैर दोनों देशों के परिस्थितियों की तुलनात्मक अध्ययन किये उपदेश देने लगते हैं कि हम कौन से युग में जी रहें हैं।

ऐसे लोगों पर सिर्फ तरस ही खाया जा सकता है, क्योंकि ऐसे लोग क्षणिक पब्लिसिटी स्टंट के लिए ऐसा करने को मजबूर होते हैं।
#Celebraty #PublicityStunt #Pornography #Banned #WesternCulture #PornFilm

स्वाति मालीवाल का सतही ज्ञान, कैसे होगी महिला सुरक्षा?

दिल्लीवालों ने केजरीवाल के हाथ में उस्तरा थमा दिया था अब केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग की जिम्मेदारी भी रिश्तेदार स्वाति मालीवाल को सौंप कर महिला सुरक्षा भी तखाने में रख दिया है।

वो कहावत तो सुनी होगी आपने? "अंधा बांटे रेवड़ी, फिर-फिर अपने को दे" मतलब, पहले खुद काबिल हो तो बंदा काबिल को चुनेगा न?

स्वाति मालीवाल कितनी काबिल हैं, इसकी मिसाल उनके हाल के बयान से साबित हो जाता है। बकौल स्वाति, "दिल्ली के जीबी रोड पर 6 लाख कांडोम की बिक्री यानी 6 लाख बलात्कार?"

स्वाति मालीवाल के इस छिछले और सतही ज्ञान पर दिल्ली, मुंबई और तमिलनाडु के सेक्स वर्कर संगठनों ने आपत्ति दर्ज करते हुए स्वाति से माफी मांगने की अपील की है।

हालांकि केजरीवाल ने 49 दिनों के स्टंट में प्रसिद्ध लेखिका को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन वो पॉलिटिकल गिमिक साबित हुआ और पूर्ण बहुमत की सरकार आते ही केजरीवाल लेखिका को दरकिनार कर दिया!
#DCW #SwatiMaliwal #Kezriwal #AAP

शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

पोर्नोग्रॉफी के लंबरदार उतने ही खोखले-छिछले है, जितने जेहादी?

ये तो वहीं बात हुई कि मां के पेट में 9 महीने पलने वाले बच्चे को भी मां का दूध पीने के लिए भी ट्रेनिंग देनी होगी?
हर बात की चीर-फाड करने वाले अति उत्साही तथाकथित सेलिब्रेटीज और लेखकों को समझनी चाहिए कि कुछ बातें प्रकृति पर छोड़ दी चाहिए?

क्योंकि आंखें अपनी सुरक्षा के लिए पलकें खुद झपकाती है, उसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं देनी पड़ती है, ठीक ऐसे ही सेक्स है।

सोचिए, आदम और हौवा को किसने सेक्स की ट्रेनिंग दी थी, जिनकी हम सब संतानें हैं? यह तर्क बेहद ही बकवास और बेहूदा है कि सेक्स ज्ञान के लिए पोर्नग्राफी को छूट देना आवश्यक है।

वह दिन लद गये जब हम सोने की चिड़िया कहलाते थे और जब हमने खुजराहो और कामसूत्र जैसी वृहद सोच वाली कलाकृतिया विकसित की थीं और बनाई थीं।

अब वह जमाना नहीं रहा? अभी भी हमारे देश की 30 फीसदी जनता एक वक्त का खाना ठीक से खा पाती है, तो सबसे पहले हम ठीक से रोटी, कपड़ा और मकान तो जुटा लें, सेक्स और सेक्स टॉय की दुकान खोलने की वकालत फिर कर लेंगे।

पोर्नग्राफी को रोटी, कपड़ा और मकान के समकक्ष रखने वाले ऐसे मठाधीशों को मालूम होना चाहिए कि जिस उच्छश्रृखलता की वो बातें कर रहें हैं, वह स्वत: स्फूर्त: आता है।

ऐसी मनोदशा के लिए मानसिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक तरक्की की आवश्यकता होती हैं और यह बात विदेशी की तात्कालिक खुलेपन और तरक्की को देखकर और जाकर समझने की जरुरत नहीं, बल्कि हमवतन की स्थितियों-परिस्थितियों को समझकर लिखने और बताने की जरुरत है।
#Pornography #SexEducation #Banned

बुधवार, 5 अगस्त 2015

पूरा बिहार नीतीश कुमार का डीएनए कैसे हो सकता है?

प्रधानमंत्री को डीएनए पर चिट्ठी लिखने से पहले नीतीश कुमार को समझना चाहिए कि उनके डीएनए और सभी बिहारियों के डीएनए एक नहीं हो सकते हैं?

यह तो एक तरह से गाली है कि उन सभी बिहारियों के लिए, जिन्हें नीतीश कुमार अपना डीएनए बता रहें हैं? नीतीश को मालूम होना चाहिए कि पिता और पुत्र के डीएनए में ही केवल समानता होती हैं?

आखिर नीतीश कुमार कहना क्या चाहते है? नीतीश कुमार को अपने बेतुके चिट्ठी और राजनीतिक स्टंट के लिए खुद बिहार की जनता से माफी मांगनी पड़ सकती है।

प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के डीएनए की बात की है, बिहार के डीएनए की बात नहीं की है, लेकिन नीतीश कुमार ने सभी बिहारियों को अपने डीएनए से जोड़कर अपमानित कर दिया है।
#DNA #NitishKumar #Bihar #Modi #AssemblyPoll #JDU #BJP #RJD

मंगलवार, 4 अगस्त 2015

अब दिग्गी चुल्लु भर पानी में डूब मरेगा या तालाब में?

बड़बोले बयानबाज दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी राजा आज मुंह छिपाये-छिपाये फिर रहें हैं ताकि मीडिया का कैमरा उनकी शक्ल न कैद कर ले?

मुंबई 26/11 हमले के पाकिस्तानी जांचकर्ता तारिक खोसा के खुलासे के बाद दिग्गी राजा के उस झूठ और दुष्प्रचार की पोल खुल गई, जिसमें उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के लिए आरएसएस को लपेटने की असफल कोशिश की थी!

आज जब तारिक खोसा ने खुलासा कर ही दिया कि 26/11 मुंबई हमलों की साजिश पाकिस्तान में की गई थी तो समझ नहीं आ रहा कि दिग्गी चुल्लु भर पानी में डूब मरेगा या किसी तालाब में कूद जायेगा?

दिग्गी राजा की मोटी चमड़ी देखो? बंदे ने आरएसएस पर झूठे आरोप ही नहीं लगाये थे, बल्कि किताब भी छपवाई थी? दिग्गी, मान गये तुम्हें और तुम्हारी बेशर्म मोटी चमड़ी को, जिसको सफेद झूठ और दुष्प्रचार की महारत है!

#DigvijaySingh #Congress #RSS #MumbaiAttack #Shameless #DirtyPolitics

सुषमा मुद्दे पर बहस हो गई तो पप्पू फिर फेल हो जायेगा?

राहुल गांधी उर्फ पप्पू कह रहा है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का इस्तीफा कांग्रेस नहीं, पूरा देश मांग रहा है?

सच्चाई यह है कि पप्पू को पीछे खड़े कांग्रेसी नेता भी सच्चाई जानते हैं कि पप्पू की बातों में दम नहीं है, क्येंकि सभी जानते है कि कांग्रेस की उक्त कवायद पप्पू के पास करने की नाकाम कोशिश है।

रही बात पूरे देश की तो? तो पूरा देश कांग्रेस और कांग्रेसी झूठ और दुष्प्रचार से अच्छी तरीके से वाकिफ है कि कैसे पूरे 60 वर्ष तक उसने झूठ और दुष्प्रचार से देश को बेवकूफ बनाये रखा।

और कांग्रेस जब भी यह सत्ता से रही है उसने सत्ता के पक्ष के खिलाफ झूठ और दुष्प्रचार फैलाकर सत्ता में वापस आने की कोशिश की है।

इतिहास गवाह कि ऐसा कांग्रेस हमेशा करती आई है और ललित मोदी मुद्दे पर संसद में बहस से भाग रही कांग्रेस जानती है कि अगर बहस हो गई तो पूरी पार्टी नंगी हो जायेगी और देश का अरबों रुपये बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी पड़ सकती है?

#LalitModi #SushmaSwaraj #Congress #Uproar #Parliament #LokSabha #RajyaSabha #RahulGandhi #SoniaGandhi

सोमवार, 27 जुलाई 2015

कांग्रेसी कीचड़ स्नान को भी संग्रहित करके रखना चाहते हैं?

कांग्रेस के स्वघोषित विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है?

मल्लिकार्जुन जी, पूरा मानसून सत्र कांग्रेसियों के हो-हल्ले और हंगामे के कारण खत्म होने के कगार पर है और कितना बोलोगे?

इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की शिकायत थी कि लोकसभा टीवी कांग्रेसी हो-हल्ले और हंगामे को नहीं दिखा रही है?

मतलब क्या है? कुछ कर्म हो तो अच्छा लगता है कि लोग उसको दिखाये, लेकिन सोनिया गांधी हंगामे और शोर-शराबे को ही राजनीति सफलता मानती है। यहां लोग खराब फोटो खींच ली जाये तो उसे डिलीट कर देते हैं, लेकिन कांग्रेसी कीचड़ स्नान में भी संजों कर रखना चाहते हैं।

#Congress #Uproar #Parliament #Loksabha #RajyaSabha #SoniaGandhi

अन्ना की मत सुनियो रे, अन्ना ठग लेंगे?

शिव ओम गुप्ता
अन्ना हजारे को कोई बता दे कि उनकी साख और ईमानदारी अब दुकानों में बिक चुकी है और खरीदार को खरीदते और उनको सरेआम बिकते भी लोग खुली आंखों से देख चुके हैं।

तो अन्ना जी बोल-बच्चन अब बंद कीजिये, अब किसी से कुछ छिपा नहीं कि आप (अन्ना हजारे) धरना-प्रदर्शन की चलती-फिरती दुकान हो? सबने देखा है जहां फायदा दिखा आपने वहीं दुकान खोल ली और मुनाफा कम होते देख दुकान बंद कर भागते भी देखा है!

जिनकी आंखें अभी नहीं खुली तो याद कर ले अन्ना हजारे उनकी अनंत कथा को? राजनीतिक सपोर्ट को न कहने वाले अन्ना चोरी-छिपे चेले केजरीवाल की गंदी राजनीति को सपोर्ट ही नहीं कर रहे, बल्कि आशीर्वाद भी देतो रहें हैं।

ये वहीं अन्ना हजारे हैं, जिन्होंने टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की राजनीति प्रेरित रैली में हां करके भी नहीं गये, क्योंकि ममता की रैली अन्ना हजारे को सुनने वाले ही नहीं पहुंचे?

अन्ना हजारे ने खुद यह स्वीकार किया था कि वे ममता की रैली में इसलिए नहीं गये क्योंकि ममता की रैली में भीड़ नहीं जुटी?

अब सोचिए, अन्ना हजारे सामाजिक कार्यकर्ता हैं या राजनीतिक रैली की चलती-फिरती दुकान, जो नफे-नुकसान पर बोलता और मजमा लगाता है? मतलब कल आप भीड़ इकट्ठी करके किसी भी रैली में अन्ना हजारे को हायर कर सकते है और अन्ना हजारे न केवल वहां दुकान खोलेंगे, बल्कि दुकान पर धरना-प्रदर्शन बेचेंगे भी?

कहने का मतलब है कि अन्ना हजारे की विश्वसनीयता बिक चुकी है, बिकाऊ है, जिसे कोई भी रेंट देकर हायर कर सकता है और धरना-प्रदर्शन की कृत्रिम दुकान खोल सकता है और सियासी रोटी सेंक सकता है।

इसका सबसे बेहतर उदाहरण दिल्लीवालों को मु़ूर्ख बनाकर सत्ता तक पहुंच चुके अरविंद केजरीवाल के रुप में आपके सामने है। गुरू-चेले की दुकान चल निकली है और गुरू गाहे-बगाहे चेले को आशीर्वाद देने दिल्ली पहुंच ही जाता है।

अन्ना हजारे केंद्र की मोदी सरकार को चुनावी वादा पूरा करने की हिदायत और धरना-प्रदर्शन करने का प्रायेजित कार्यक्रम भी बता चुके हैं, लेकिन अन्ना हजारे चेले केजरीवाल की नूराकुश्ती, राजनीतिक कारस्तानी और धमाचौकड़ी पर आंखें मूंदे हुए हैं और न ही केजरीवाल को 70 चुनावी वादों को पूरा करने की याद दिलाते है, क्योंकि वे अभी "बींइग हायर्ड बॉय आम आदमी पार्टी" तो मोदी सरकार खिलाफ ही बोलेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे?

#AnnaHazare #SocialWorker #Kezriwal #ProtestRally #StrikeShop #AAP #BeingHired

रविवार, 26 जुलाई 2015

सलमान को हीरोगिरी पर्दे पर ही करनी चाहिए?

चलो अच्छा हुआ सलमान को अक्ल आ गई और पिता सलीम खान की हिदायत के बाद सलमान ने अपने सभी #विवादितट्वीट वापस ले लिए हैं।

सलमान खान को शायद अब बात समझ में आ गई होगी कि जहां जरूरत न हो और जिसमें दखल न हो, वहां उंगुली नहीं करनी चाहिए।

Salman khan, whose own leg already in jail for conviction in Hit & Run case?

How can Salman speak against supreme Court verdict who himself bail out from jail ?

Salman should thanks to his well wisher whose prayers out him from jail otherwise he should be in jail for killing those innocent people.

Salman's these step will work against to him. Mean, How can a person raise voice against top most court to support of a killer of 1993 Mumbai bomb blast?

#SalmanKhan #YakubMemon #MumbaiBlast #HitandRunCase

मिस्टर केजरीवाल, "मूर्खता की भी हद होती है?"

केजरीवाल के पोस्टर वार में कहा गया है, " प्रधानमंत्री सर, दिल्ली सरकार को काम करने दीजिये? दिल्ली सरकार अच्छा काम कर रही है?"

किस उल्लू के पट्ठे ने यह पोस्टर लिखा है या किस गधे ने इसे लिखवाया है।

पोस्टर में केजरीवाल का आरोप है कि प्रधानमंत्री दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दे रहें हैं और फिर भी दिल्ली सरकार ठीक काम कर रही है ?

मतलब, प्रधानमंत्री द्वारा काम नहीं करने देने के बावजूद दिल्ली सरकार ठीक काम कर रही है, वो भला कैसे?

कहने का अर्थ है कि स्कूल के प्राचार्य ने क्लास में बैठकर पढ़ने नहीं दिया और इग्जाम दिये बगैर पप्पू पास भी हो गया?
#Kezriwal #AAP #DelhiGovt #DelhiCM #PosterWar #AdCampaign #526Crore

शनिवार, 25 जुलाई 2015

क्या अब श्रीसंत जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर से माफी मांगेगी पुलिस?

मुझे फर्क नहीं पड़ता कि स्पॉट फिक्सिंग केस में श्रीसंत, चंडीला और चाव्हाण को आरोप मुक्त कर दिया है,  लेकिन तकलीफ होती है कि दिल्ली पुलिस ने जिस प्रकार से श्रीसंत जैसे इंटरनेशनल खिलाड़ी को मुंह पर काला कपड़ा बांधकर गिरफ्तार किया और पूरी दिल्ली में घुमाया था?

आज कोर्ट में श्रीसंत की आंखों में आंसू बरबस नहीं आये होंगे, वे शायद आंसू खून के रहे होंगे? क्या दिल्ली पुलिस श्रीसंत के ऊपर किये अपमान के बोझ को अब उतार सकती है, जो श्रीसंत ने पिछले 3 वर्ष तक ढोते और सहते रहे?

दिल्ली पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर नीरज कुमार ने जब श्रीसंत की गिरफ्तारी की थी तभी मैंने श्रीसंत की गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल उठाया था उसकी भर्त्सना की थी।

#Srishant #SpotFixing #IPL #CaseDropped 

दिल्लीवालों! तुमने केजरीवाल को नहीं, लोकतंत्र के अभिशाप को चुना है?

कैसे-कैसे नमूने चुने थे केजरीवाल ने...जमानत पर रिहा हुए फर्जी डिग्री धारी जीतेंद्र सिंह तोमर कह रहा है फर्जी डिग्री के अपराधी को जेल नहीं भेजना चाहिए?

यही नहीं, दूध का दूध और पानी का पानी साबित हो गया और तोमर की सारी डिग्रियां फर्जी पाई गई बावजूद इसके बंदा कह रहा है कि केजरीवाल सरकार को कलंकित करने के लिए यह सब किया गया?

मतलब, आम आदमी पार्टी के रुप एक ऐसी पार्टी को दिल्लीवालों ने सरआंखों पर बिठा लिया है जो लोकतांत्रिक गरिमा और नैतिकता को ताख पर रख कर बेशर्मी से काम करने की नींव डाल रही है, जो कि बेहद खतरनाक है।

हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें बेहद गहरी रहीं हैं और पार्टियां कितनी भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहीं हों, वे लोकतंत्र पर भरोसा और उसका सम्मान करती रहीं है और हजारों ऐसे उदाहरण हैं, जहां पार्टियों ने नैतिकता के आधार इस्तीफा दे चुकी हैं ।

लेकिन केजरीवाल एंड पार्टी का अभ्युदय ही लोकतांत्रिक परंपराओं की हत्या करके हुई है। केजरीवाल ने लोकतांत्रिक जन आंदोलन को अपनी कुर्सी सजाने और खुद को सत्ता तक पहुंचाने में इस्तेमाल किया। यही कारण है कि अब कोई भी जन आंदोलन पब्लिक सिंपैथी नहीं बंटोर पाता है। केजरीवाल के कारनामें के बाद लोकतांत्रिक तरीके से किये जाने वाले धरना-प्रदर्शन के वजूद पर कालिख पुत गई और इसमें शामिल होने में कम ही रुचि दिखाता है।

केजरीवाल एंड पार्टी की कारगुजारियों की इबारत यही खत्म हो जाती तो अच्छा था, लेकिन ये और भी गये-गुजरे निकले? इस पार्टी हमारे लोकतंत्र में मौजूद शुचिता और नैतिकता को भी नष्ट करने की कोशिश कर डाली है।

बात चाहे फर्जी डिग्री धारी जीतेंद्र सिंह तोमर को 4 माह कानून मंत्री बनाये रखना हो या किसान रैली में गजेंद्र सिह चौहान की लाइव फांसी का मंचन। यानी गजेंद्र सिंह चौहान झूलता रहा और केजरीवाल एंड पार्टी सत्ता की हवस में झूलती रही।

ऐसी घोर सत्ता की हवसी पार्टी से क्या उम्मीद की जा सकती है, जो प्रचार पाने के लिए, राजनीतिक फायदे के लिए किसी की मौत को कैश करने से पीछे नहीं हटती।

केजरीवाल ने अपनी ही कार्यकर्ता संतोष कोली की मौत को राजनीतिक हथकंडे की तरह इस्तेमाल किया, केजरीवाल ने गजेंद्र सिंह चौहान की मौत का इस्तेमाल किया और फजीहत हुई तो बेशर्मी से उसकी मौत को शहीदी बनाने की भरपूर कोशिश की।

और केजरीवाल ने अभी आनंद पर्वत पर मारी गई मीनाक्षी की मौत को राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल करना बतलाता है कि दिल्लीवालों, तुमने केजरीवाल को वोट नहीं किया बल्कि एक लोकतंत्र के हत्यारे को वोट किया है, जो राजनीतिक फायदे के लिए लाशों पर राजनीति करने में पीछे नहीं रहता है।

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शुक्रवार, 24 जुलाई 2015

क्या केजरीवाल की होर्डिंग, पोस्टर और टीवी ऐड से भला होगा दिल्ली का?

क्या दिल्लीवालों ने केजरीवाल की नूराकुश्ती देखने के लिए 70 में से 67 सीटें सीटे जितवा कर दी थी?

रोज-रोज हंगामा, दिल्ली के सीमित अधिकार क्षेत्र से निकल कर फैसला करना, फिर गला फाड़-फाड़कर चिल्लाना, वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे?

और फिर पोस्टर, होर्डिंग और टीवी पर मंहगे प्रचार करके जनता का पैसा उड़ाकर राजनीतिक स्टंट करना दिखलाता है कि केजरीवाल एंड उनकी पार्टी कितनी खोखली और छिछली है।

पिछले 5 माह से केजरीवाल की सरकार से दिल्ली में केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, क्या कोई बता सकता है कि केजरीवाल ने किये 70 वादों में किसे पूरा करने को कोशिश की है? बिजली-पानी तो 49 दिनों की पिछली सरकार का एक्सटेंशन है, सेचिये?

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