केजरीवाल लगातार चुनावी आचार संहिता का उलंघन कर रहे हैं, "पैसा सबसे लो और वोट AAP को दो" के खिलाफ शिकायत होने के बावजूद केजरीवाल नहीं रुके और दूसरे दिन भी लोगों से यही बात दोहराई!
अभी दिल्ली बीजेपी की मुख्यमंत्री उम्मीदवार किरण बेदी को अवसरवादी* और खुद को ईमानदार* ठहराने वाले पोस्टर बतलाते हैं कि केजरीवाल आसन्न पराजय से भयभीत तो जरूर हो गया है और लगातार चुनाव आयोग की अवमानना कर रहा है!
कहीं केजरीवाल भागने की फिराक में तो नहीं है, क्योंकि लगातार चुनाव आयोग चेतावनी दे रहा है और केजरीवाल लगातार मनमानी कर रहा है और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहा है?
आज एक बार फिर चुनाव आयोग ने केजरीवाल को आचार संहिता उलंघन करने के लिए चेतावनी दी है? क्या यह केजरीवाल का स्केप (Escape plan) प्लॉन है, जिससे उसकी उम्मीदवारी रद्द हो सके और वह दूसरों पर आरोप लगाकर किनारे लग सके?
हालांकि अराजक केजरीवाल से ऐसी उम्मीद की जा सकती है, उदाहरण सबके सामने है! चाहे पीएम की कुर्सी के सीएम की कुर्सी छोड़कर बनारस भागना हो अथवा पिछले गणतंत्र दिवस पर धरने पर बैठना और खुद अराजक बताना हो?
आइए, देखते हैं आगे होता है क्या? इतना तो पक्का है केजरीवाल नहीं मानने वाला, क्योंकि अराजकता और भागना दोनों केजरीवाल के स्वभाव में है!
नि:संदेह केजरीवाल के लक्षण बता रहे हैं कि वो भागेगा और नहीं भागा तो अराजकता लगातार जारी रखेगा, परीक्षा यहाँ चुनाव आयोग की होगी कि वो कितने क्षमाशील और सहनशील होते हैं?
चूंकि केजरीवाल को दोनों में लाभ होगा! उसकी चिट भी सही और पट भी सही होगी, भई छोड़कर भागने के लिए कोई तो बहाना होना चाहिए, हैं जी!
#केजरीवाल #दिल्लीचुनाव #पराजय #AAP #Kezriwal #DelhiPoll #BJP #EC
अभी दिल्ली बीजेपी की मुख्यमंत्री उम्मीदवार किरण बेदी को अवसरवादी* और खुद को ईमानदार* ठहराने वाले पोस्टर बतलाते हैं कि केजरीवाल आसन्न पराजय से भयभीत तो जरूर हो गया है और लगातार चुनाव आयोग की अवमानना कर रहा है!
कहीं केजरीवाल भागने की फिराक में तो नहीं है, क्योंकि लगातार चुनाव आयोग चेतावनी दे रहा है और केजरीवाल लगातार मनमानी कर रहा है और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहा है?
आज एक बार फिर चुनाव आयोग ने केजरीवाल को आचार संहिता उलंघन करने के लिए चेतावनी दी है? क्या यह केजरीवाल का स्केप (Escape plan) प्लॉन है, जिससे उसकी उम्मीदवारी रद्द हो सके और वह दूसरों पर आरोप लगाकर किनारे लग सके?
हालांकि अराजक केजरीवाल से ऐसी उम्मीद की जा सकती है, उदाहरण सबके सामने है! चाहे पीएम की कुर्सी के सीएम की कुर्सी छोड़कर बनारस भागना हो अथवा पिछले गणतंत्र दिवस पर धरने पर बैठना और खुद अराजक बताना हो?
आइए, देखते हैं आगे होता है क्या? इतना तो पक्का है केजरीवाल नहीं मानने वाला, क्योंकि अराजकता और भागना दोनों केजरीवाल के स्वभाव में है!
नि:संदेह केजरीवाल के लक्षण बता रहे हैं कि वो भागेगा और नहीं भागा तो अराजकता लगातार जारी रखेगा, परीक्षा यहाँ चुनाव आयोग की होगी कि वो कितने क्षमाशील और सहनशील होते हैं?
चूंकि केजरीवाल को दोनों में लाभ होगा! उसकी चिट भी सही और पट भी सही होगी, भई छोड़कर भागने के लिए कोई तो बहाना होना चाहिए, हैं जी!
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