केजरीवाल ने भारतीय राजनीति में ऐसी गंध फैला दी है कि राजनीति में सुचिता और नौतिकता जो बची है वो भी चौपट हो जायेगी।
किसी भी देश के राजनीतिकों में वसूल और नैतिक मूल्य खत्म हो जाये तो उस देश का पतन भी शुरू हो जाता है, जैसा कि पड़ोसी मुल्क में हुआ है, जहां की जनता राजनीतिकों और दहशतगर्दों के बीच हमेशा बंटी रहती है और देश बर्बाद हो जाता है?
कुछ ऐसी ही तरह की राजनीति केजरीवाल टाइप का मकौड़ा कर रहा है, वह दिन दूर नहीं जब भारतीय राजनीति में भी सुचिता और नौतिकता खत्म हो जायेगी, जिसके दोषी और जिम्मेदारी सिर्फ देश के वोटर्स होंगे।
हमारे देश में राजनीतिक कैसे भी हों, लेकिन उनमें लोकतंत्र की जड़ें गहरी जमी है। भारतीय इतिहास की अब तक सभी छोटे-बड़े राजनीतिक दलों में सुचिता और नौतिकता हमेशा जिंदा रहती हैं, लेकिन केजरीवाल ने ऐसी अराजक, झूठ और आरोपों वाली राजनीति शुरू की है जो नौतिकता और वसूलों आधारित राजनीति को ध्वस्त कर रही है ।
भारतीय लोकतंत्र और भारतीय राजनेताओं (जिनमें AAP को छोड़कर सभी पार्टियां शामिल हैं) की एक खूबसूरती और पहचान रही है कि चुनाव में मिली हार को स्वीकारने में वे देर नहीं लगाते, भले ही किसी पार्टी की सरकार 10 वर्ष या 15 वर्ष सत्ता में क्यों न रही हो, साफगोई से हार स्वीकार करते हैं और सत्ता छोड़कर चुनाव जीतने वाले दूसरे दल को सत्ता सौंप देते है!
लेकिन केजरीवाल की अराजक और नौतिकता विहीन राजनीति को देख सुनकर डर लगता है कि अगर राजनीति से नौतिकता और सुचिता खत्म हो गई तो भारत और पड़ोसी मुल्क की राजनीति में अंतर खत्म हो जायेगा?
अब देश की जनता को तय करना है कि वो कैसा देश और राजनीतिक चाहते है, क्योंकि केजरीवाल की राजनीति में नौतिकता, सुचिता और वसूल छोड़कर कर सब-कुछ है, चुनाव आपको करना है कि आपको कैसा देश चाहिए?
क्योंकि केजरीवाल की राजनीतिक गंदगी देश में ऐसा जहर फैला रही है, जिससे कोई भी राजनीतिक दल अछूता नहीं रह पायेगा!
सत्ता पाने के लिए, वोट पाने के लिए और मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए केजरीवाल भारतीय राजनीति में ऐसे बीज रोप रहा है, जिसमें निराधार झूठ, आरोप और छल हैं, जो देश को गर्क में ही ले जायेगा!
सोचिये, अगर राजनीति में नौतिकता, सुचिता, वसूल और शर्म खत्म हो गई तो भारतीय राजनीति का कैसा विद्रूप चेहरा हो सकता है, जो भारत को पाकिस्तान भी तब्दील कर सकता है?
पाकिस्तानी राजनेताओं की हैसियत कैसी है, यह किसी से छिपा नहीं है, वहां की जनता पार्टियों को वोट तो जरुर देती है लेकिन देश की बागडोर कई लोगों के हाथ में बंटी रहती है?
तो कैसा देश चाहते है आप? अराजक पसंद और झूठ फैलाकर राजनीति करने वाले केजरीवाल की राजनीति नि:संदेह देश के लिए विध्वंशकारी है, निर्णय वोटर्स को करना है, क्योंकि देश के वोटर्स ही देश का मुस्तकबिल बनाते है, चाहे वो अच्छा हो या बुरा?
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