कांग्रेसी नेता उस भस्मासुर की तरह व्यवहार कर रहें हैं जो खुद को ही अंतत:भस्म कर लेता है। मोदी सरकार के विरोध वो जो कुछ भी करते हैं वो उनके खिलाफ जाते हैं।
कांग्रेस के एक से एक बुद्धजीवी नेता ऐसे फस्ट्रेशन वाले मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं जो फिजूल हैं, उनकी बातें सुनकर ऐसा लगता है कांग्रेसी नेताओं ने भस्मासुर वाला हाथ खुद के सिर पर रख लिया हो और पूरी तरह से भस्म होने को तैयार हैं ?
सच कहूं तो कांग्रेस मुक्त भारत के लिए कोई और कांग्रेसी नेता ही काफी जिम्मेदार हैं, इन्हें किसी और की जरूरत ही नहीं है!
मतलब, क्या बोलना चाहिए, किस पर बोलना चाहिए इसकी भी अक्ल नहीं है। राहुल गांधी (पप्पू) कह रहें हैं कि अमेेरिकी - भारत संबंध केवल मोदी की पर्सनल पीआर करते हैं, हद है पप्पूगिरी की, तो भाई तू भी कर लेता?
उधर, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अमेेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को बराक कहने पर लोग रो-गा रहें हैं। भई, दो राष्ट्र प्रमुखों का अपना कंफर्ट लेबल है तो वो कैसे भी बात करेंगे उन्हें तय करने दें!
बराक ओबामा के तीन दिवसीय दौरे में हजार अच्छी बातें और करार हुई, लेकिन ये उसकी बातें नहीं करेंगे, क्योंकि इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करनी पड़ेगा, लेकिन ऐसा न करके कांग्रेसी नेता फिजूल की बातें कर रहे हैं, जो गैर जरूरी ही नहीं, वाहियात भी है!
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