कर्नाटक विधानसभा चुनाव के निहितार्थ यह बात कितनी ही खरी या खोटी हो, लेकिन अभी यह लोग सोचने को तैयार नहीं होंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी को योगी टेकओवर करने को तैयार हो गए हैं। इसकी बानगी उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनाव के रिजल्ट हैं, जिसमें प्रदेश के 17 नगर निगमों में बीजेपी के चुनकर आएं है। यह बहुत बड़ी जीत है। यह जीत गुजरात विधानसभा से भी प्रचंड जीत कही जा सकती है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी हिमाचल विधानसभा चुनाव और पंजाब विधानसभा चुनाव बुरी तरह हार चुकी है, जिसका श्रेय और सेहरा प्रधानमंत्री मोदी को ही दिया जाएगा। इसमें बीजेपी अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा की भूमिका सिर्फ चुनाव मैनेजमेंट ही आया है, चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था, तो धूल-धूसरित उनका ही चेहरा होगा।
तो क्या यह माना जा सकता है कि यह चुनाव प्रधानमंत्री को आखिरी चुनाव होगा और अगर यह प्रधानमंत्री मोदी का आखिरी चुनाव है, तो प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे में बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 की वैतरणी पार कर पाएगी। निः संदेह बीजेपी आलाकमान प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव लड़ेगी, लेकिन क्या कर्नाटक, हिमाचल और पंजाब के चुनाव परिणामों के मद्देनज़र यह दांव निशाने पर लगेगा।
उत्तर प्रदेश में दूसरी बार पूर्ण बहुमत से चुनकर आए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की छवि दिनोंदिन बेहतर होती गई है। एक कुशल प्रशासक के रूप में सीएम योगी की प्रसिद्ध प्रादेशिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर फैली है। सवाल है ऐसे राजनीतिक परिदृश्य में बीजेपी आलाकमान योगी को मोदी के विकल्प के रूप में सोचने के लिए मजबूर कर सकती है।
यह बात कड़वी भले हो, लेकिन सच है कि कई मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कार्यशैली ने बहुसंख्यक हिंदुओं को परेशान किया है। इसका कारण बहुसंख्यक हिंदुओं का प्रधानमंत्री मोदी से बढ़ती अपेक्षाएं दोषी हो सकती है। इसे भारतीय क्रिकेट के सबसे करिश्माई कप्तान एमएस धोनी के करियर की ढलान और आखिरी ओवर में चौके-छक्के लगाकर टीम को अपेक्षित जीत नहीं दिला पाने की असमर्थता से देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी संभवतः उसी दौर से गुजर रहे हैं, जहां उनके करिश्में पर ग्रहण सा लगता दिखा है। अब ऐसे में बीजेपी आलाकमान के लिए 2024 लोकसभा चुनाव मंथन का विषय बन गया है। बीजेपी के खिलाफ यह मोमेंटम लोकसभा चुनाव के लिए घातक साबित हो जाए, इससे पहले बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पूर्व कुछ नया सोचना पड़ेगा। वरना तीनों प्रदेशों में जीती हुई बाजी बीजेपी के हाथ से फिसलते देर नहीं लगेगी।
यह बात दीगर है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व तीनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए सेमीफाइनल मैच की तरह होंगे और 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए इन तीनों प्रदेशों में बीजेपी का नॉकआउट ही उसे फाइनल में बड़ी जीत की ओर ले जा सकता है। ऐसे में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 2024 लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए तुरूप को इक्का साबित होंगे, इसमें किसी को संदेह नहीं होगा।
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