शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

मध्यप्रदेश-राजस्थान परिणाम से पप्पू हुआ बदहवास, हॉलीडे की तैयारी!

पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी की धमाकेदार जीत और अब राजस्थान में भी बीजेपी की धुंआदार जीत के बाद पप्पू उर्फ राहुल गांधी का राजनीति पर से भरोसा उठ गया है।

बकौल पप्पू, "एक तो मम्मी ने पिछले हॉलीडे से यह कहकर बुलवा लिया कि लगातार झूठ बोलने से झूठी बात को जनता सच मान लेती और जनता हमारी पार्टी को वोट करेगी, लेकिन कुछ नहीं मिला और हॉलीडे भी बेकार चला गया। मम्मी झूठी है, अब कभी भी मोदी अंकल के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। मेरा भी मोदी-मोदी-मोदी करने का दिल करता है, लेकिन मम्मी डांटती है।"

विश्वश्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीने नाटक पर नाटक और बीजेपी के खिलाफ झूठ और दुष्प्रचार करते-करते राहुल गांधी का 10 किलो वजन घट गया है, लेकिन बीजेपी की एक के बाद जीत से पप्पू फिर फेल हो गया?

खबर है पप्पू फिर हॉलीडे की छुट्टियां बनाने का प्लान बना रहा है और इस सुना है जब लौटेगा तो सिर पर बैटमैन वाला टोपी, कमर पर सुपरमैन वाला चड्ढी और माकड़मैन वाला फिगर लेकर लौटेगा?

सूत्रों से खबर मिली है कि पप्पू डांस की तैयारी भी कर रहा है और डांस की ट्रेनिंग अपने शक्तिमान भैय्या दे रहें है, याद है न...शक्तिमान-शक्तिमान....

#Pappu #RahulGandhi #Comgress #Rajasthan #MadhyaPradesh #CivicPoll #Results #Modi 

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

राहुल गांधी और उनकी पप्पूगिरी की नौटंकी कब तक चलेगी?

अमेठी दौरे पर गये पप्पू उर्फ #राहुलगांधी की नौटंकी की पोल एक बार फिर खुल गई ।

खबर है राहुल गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों द्वारा लाये गये सप्रेम पानी को पीने से इनकार कर दिया और तब राहुल गांधी के लिए उनके सिक्युरिटी गॉर्ड को मिनरल वॉटर मंगवाना पड़ा।

मतलब, जो इंसान गरीबों और किसानों के हितों की बात करके प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रहा है, वह उन्हीं गरीबों और किसानों का निरादर कर रहा है।

क्या ऐसे दोमुंहे, दोगले और ड्रामेबाज नेता को देश की जनता कभी प्रधानमंत्री चुन पायेगी, जिसे जनता से प्रेम नहीं, बल्कि वह उन्हें मूर्ख बनाकर वोट लेने का ड्रामा करता फिरता है?

#RahulGandhi #Comgress #Vote #PMPost #AmethiTour

बदहाल बिहार के लिए वरदान है प्रधानमंत्री का विशेष पैकेज!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व 1.25 लाख करोड़ रुपये की विशेष पैकेज देकर बिहार को जता दिया है कि विकास और तरक्की पर अबकी बार बिहार की बारी है।

बिहार में 2015 विधानसभा चुनाव से पहले भी दर्जनों चुनाव हो चुके हैं, लेकिन पहली बार बिहार को ऐसे पैकेज मिले हैं, जिसमें दिमाग से इतर दिल का भी योगदान दिखता है।

तो बिहार तैयार हो जाइये और अपनी किस्मत और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए वोटिंग मशीन पर सोच-समझकर बटन दबायें!

क्योंकि चुनावी रस्साकसी से ही सही, विशेष पैकेज का लाभ बिहार को मिलना जरुरी है और वो कैसे आता है यह जरुरी नहीं है, क्योंकि स्वार्थी तो मां-बाप भी होते हैं, जो बुढ़ापे में सुख का साधन अपनी संतान में देखते है।
#Modi #SpecialPackage #BiharPolls #NitishKumar

कांग्रेस का चुनाव चिह्न होगा कुर्ता-पायजामा पहने हुआ इंसान?

राहुलगांधी ने घोषणा की है कि अब #कांग्रेस कुर्ता-पायजामा  पार्टी के नाम से जानी जायेगी और पार्टी का #चुनाव #चिह्न भी अब हाथ के पंजे के बजाय बदलकर पायजमा-कुर्ता पहना हुआ इंसान होगा!

सूत्र की माने तो दिलचस्प बात यह है कि खुद राहुल गांधी पार्टी के नये चुनाव चिह्न में #कुर्ता-पायजामा पहने इंसान की मॉडलिंग करेंगे?

सोचिए, जिनके मां, बाप, दादा के कपड़े इटली और फ्रांस में धुलने जाते हैं उनको सत्ता पाने के लिए अब कुर्ते-पायजामें की राजनीतिक नौटंकी करनी पड़ रही है। पप्पू भैय्या अब तो हिंदुस्तान खुद भी कुर्ता-पायजामा नहीं पहनता है?

उसे छोड़िये, राहुल गांधी को ऐसी नौटंकी करने से पहले अपनी ओर और अपनी इटालियन मां की ओर देख लेना चाहिए, क्योंकि दोनों दिल से ही नहीं, दिमाग से भी भारतीय नहीं दिखते है, मां तो इटली की है ही, बेटे का दिल भारत में नहीं लगता, हमेशा हॉलीडे पर रहता है।

#RahulGandhi #Pappu #Comgress #Model #KurtaPayzama #ElectionSymble #Punja

केजरीवाल अब बिहार को मूर्ख बनायेंगे क्या?

 केजरीवाल और कांग्रेस एक बार फिर एक ही नाव पर सवार हो गये हैं। ऐसा लगता है कांग्रेस और केजरीवाल कुंभ मेले में खोये हुए बिछड़े मां -बेटे थे जो बिहार चुनाव में एक मंच पर आ पहुंचे है, वैसे इसकी एक झलक दिल्ली वाले देख चुके हैं।

खबर है ईमानदारी की चलती-फिरती दुकान और सत्यवादिता में राजा हरिशचंद्र की छठी औलाद केजरीवाल बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस(2जी स्कैम-कोलेगेट) + राजद (चारा घोटाला-जंगलराज) +जदयू (रणछोड़-विकास छोड़) की महान ठग गठबंधन के लिए प्रचार करने के लिए प्रचार करने जा रहें हैं।

भगवान भला करे बिहार का और मतदान के वक्त बिहार के मतदाताओं को सद्बुद्धि सलामत रखे, जय हो?

#Kezriwal #BiharPolls #JDU #RJD #Congress #Coalition #DirtyPolitics

गुरुवार, 13 अगस्त 2015

कांग्रेस देश का विकास नहीं, केवल पिछड़ापन चाहती है?

शिव ओम गुप्ता
कांग्रेस मोदी सरकार की कार्य योजना के संभावित सुखद परिणाम और देश के सकारात्मक विकास को महसूस करके डर गई है।

कांग्रेसियों का इतिहास रहा है कि जब वे सत्ता में रहते हैं तो देश के विकास के लिए कोई काम नहीं करते हैं और जब सत्ता से बाहर रहतें हैं तो सत्तासीन दूसरी पार्टी के काम में हरसंभव अड़ंगा डालने की कोशिश करते हैं ताकि बेकार और बेरोजगार देशवासियों में झूठ व दुष्प्रचार फैलाकर आसानी से दोबारा सत्ता में वापस आया जा सके?

अव्वल तो आजादी के 68 वर्ष में से करीब 60 वर्ष प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से कांग्रेस ही सत्ता में काबिज रही है और कांग्रेस जब-जब सत्ता से बाहर रही है उसने हर बार एक लोकप्रिय और विकासोन्मुखी सरकार के खिलाफ झूठ और दुष्प्रचार फैलाकर सत्ता में वापसी की है।

मोदी सरकार के कई विकासोन्मुखी कदमों और कामों से देश में सकारात्मक प्रगति सुनिश्चत हो गई है, लेकिन कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों को राजनीति से निर्वासन का डर सता रहा है कि कहीं भारत की राजनीति से बाहर न हो जायें, इसलिए मोदी सरकार की प्रगतिमूलक कार्यों में अड़ंगा और अवरोध पैदा कर रहें हैं।

कांग्रेस ने देश के विकास के लिए कभी भी आधारभूत संरचना की योजना पर बल नहीं दिया है। उसने देश को सिर्फ योजनाओं की झुनझुनाओं से बरगलाया है, जिससे देश का समावेशी विकास नहीं हो सका।

कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जानबूझकर देश के एक समुदाय विशेष से जुड़े लोगों को अभावग्रस्त, बीमार और बेरोजगार बनाये रखा और योजनाओं के जरिये पैसा रेवड़ी की तरह बांटकर खुद की अपनी तिजोरियां भरी?

कांग्रेस ने हमेशा देश को समुदाय विशेष और वर्ग विशेष में बांटकर विकास कार्य किये जबकि अगर कांग्रेस सामूहिक विकास के लिए काम करती तो आज लगभग 68 वर्ष पश्चात देश का हर वर्ग और समुदाय साक्षर, स्वस्थ और संपन्न होता और उसे कांग्रेसी योजनाओं की भीख की जरूरत नहीं होती।

एक लाइन में कहें तो कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए साजिशन गरीब, निरक्षर और कमजोर लोगों की खेप देश में बरकरार रखने की कोशिश की ताकि उनका वोट अपनी जरुरत और समयानुसार उपयोग किया जा सके।

यह सर्वविदित सत्य है कि गरीब, निरक्षर और कमजोर इंसान को उसके और उसके परिवार की रोटी के लिए कैसे भी बरगलाया जा सकता है और वोट लिया जा सकता है।

कांग्रेस की पूरी राजनीति इसी रणनीति पर टिकी हुई है। उसने गरीब को हमेशा लाचार बनाये रखा, उसे उतने ही पैसे दिये जितने में वह बस जिंदा रह सके, आत्मनिर्भर न हो? क्योंकि अगर आत्मनिर्भर हो गया तो पढ़ लिख जायेगा, स्वस्थ रहने लगा और स्वाभिमानी हो जायेगा?

कांग्रेस जानती है कि गरीब और लाचार देश से खत्म हो गये तो उनकी बात कोई नहीं सुनेगा और लोग सवाल भी करेंगे, क्योंकि गरीब और कमजोरों को कभी सवाल करते सुना है आपने?

इसलिए कांग्रेस ने मुस्लिम, दलित और आदिवासियों के विकास के लिए कभी कोई ठोस काम नहीं किया, बल्कि उन्हें योजनाओं का झुनझुना पकड़ाकर अपना वोट बैंक बनाये रखा?

क्योंकि अगर सभी साक्षर, स्वस्थ और मजबूत हो गये तो दिमाग लगायेंगे और वोट करने से पहले सवाल करेंगे व राजनैतिक विकल्प तलाशेंगे, लेकिन कांग्रेस ने अपने शासनकाल में ऐसा कभी नहीं होने दिया और जब भी गैर-कांग्रेसी सरकारें देश में आई है, झूठ और दुष्प्रचार के जरिये उन्हें भी गरीबों के लिए काम करने से रोकती आई है।

हालांकि पिछले दो दशकों में उन्हीं में से साक्षर, स्वस्थ और मजबूत हुये तबकों ने कांग्रेस को उनकी जगह दिखाई है और क्षेत्रिय स्तर की राजनीति से कांग्रेस को लगभग निकाल फेंका है। इनमें बंगाल, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु प्रदेश प्रमुख है, जहां पर आज कांग्रेस का अस्तित्व न के बराबर है।

जरूरत है कि पूरा देश कांग्रेस के नापाक मंसूबों को जाने, समझे और उन्हें उनकी जगह दिखाये, क्योंकि यह देश सामूहिक विकास चाहता है, जिसका फायदा देश के हर समुदाय और वर्ग विशेष को मिले और सभी साथ आगे बढ़े और उसके लिए जरुरी है कि कांग्रेस के झूठ और दुष्प्रचार से दूर रहें।
#Congress #Dovelopment #ModiSarkar #Nexes #Conspiracy #DirtyPolitics #BJP

बुधवार, 12 अगस्त 2015

सुषमा स्वराज की दहाड़ सुनकर पप्पू के उड़ गये तोते?

शिव ओम गुप्ता
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अग्निवर्षा से परेशान होकर  राहुल गांधी ने कहा है, "जैसे ही मैं कैंडी क्रैश के आखिरी स्टेज पर होता हूं कोई न कोई लगड़ी लगा ही देता है, मुझे कभी नहीं जीतने देते ये लोग?

सुषमा स्वराज के लोकसभा में दिये धुंआधार शब्द बाणों से घायल सोनिया गांधी को भी दिन में तब तारे दिखने लग गये जब क्वात्रोची और एंडरसन की रिहाई पर सुषमा की घेरेबंदी की जकड़ में कांग्रेसी बुरी तरह से फंस गये?

इस दुर्घटना के बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों आज साथ-साथ 10 जनपथ पर रोते हुए एक दूसरे को ढांढस बंधा रहें हैं कि कहां उंगली कर दी, हमने तो कहानी बनाई थी, सुषमा ने तो हमें नंगा कर दिया?

राहुल गांधी, " मम्मी-मम्मी अब मुझे ये गेम नहीं खेलना है, एक तो इतना रटना पड़ता है, फिर रिहर्सल करो? और हम जीतने ही वाले थे कि सुषमा आंटी ने हमारी पोल खोलकर पूरा गुड़-गोबर कर दिया, मुझे नहीं खेलना बस!

सोनिया," देखो बेटा, मोदी अंकल से बचना है तो हल्ला -हल्ला करना ही पड़ेगा वरना तेरे जीजा रॉबर्ट वाड्रा वाला केस और नेशनल हेरोल्ड केस में हम-दोनों और जीजा भी जेल में नजर आ़येंगे?

मेरे पप्पू, हल्ला करके ही मोदी सरकार को घेरा जा सकता है ताकि दोनों मुद्दों की फाइल बंद करवाई जा सके और जैसे ही मोदी सरकार बारगेन को तैयार हो जायेगी, हम सब हल्ला-गुल्ला बंद कर देंगे?

राहुल गांधी, "सच्ची मम्मी...तो हम ये सब नाटक जीजाजी और खुद को बचाने के लिए कर रहें थे, फिर मैं जेल नहीं जाऊंगा न? लेकिन अब यह गेम खत्म होते ही मैं हॉलीडे पर निकल जाऊंगा, ठीक है। अब डोरेमेन देखने जाऊं?

सोनिया, " ओए नाशपीटे! कल की तैयारी और रिहर्सल कौन करेगा? चल रट्टा लगा? एक तो तेरे को कुछ आता जाता नहीं, मेरे दाल रोटी का जुगाड भी़ बंद करवायेगा?

राहुल गांधी, "मम्मी... मैं कल पार्लियामेंट नहीं जाऊंगा? सुषमा आंटी ने हमें खूब धोया है और कल तो हमें मारकर बाहर भी निकाल देंगी? मैं नहीं जाऊंगा, अभी कट्टी ले लो?

सोनिया, "ओए खोते द पुत्तर...रुक? कुछ नहीं होगा, हम हल्ला-गुल्ला करके संसद फिर बंद करवा देंगे, तू चिंता मत कर, तू बस यह लाइनें याद कर ले और थोड़ी रिहर्सल कर ले, बाकी हमारे पाले हुए नेता सब संभाल लेंगे? वे हल्ला करने में उस्ताद हैं।

राहुल गांधी, " लेकिन मम्मी अगर मोदी अंकल आ गये तो? मैं संसद के अंदर भी नहीं घुसूंगा, वो मुझे कहीं का नहीं छोड़ेंगे?

सोनिया, " तू डर मत बेटा, कल मोदी अंकल नहीं आयेंगे, हमने झूठ-मूठ में उन्हें बयान देने के लिए बुलाया था। चल अब बस हो गया...जा रट्टा मार और एक भी लाइन भूला तो कमरे में बंद कर दूंगी?

राहुल गांधी, "नहीं मम्मी नहीं, मैं पूरा याद कर लूंगा और दो लाइन एक्स्ट्रा भी बोलकर सबको बता दूंगा कि मैं
ब्रॉनविटा ब्वॉय हूं और कुछ भी नहीं भूलता?

सोनिया, " लोग ऐसे ही तुझे पप्पू नहीं पुकारते हैं, तू है पप्पू? खोते द पुत्तर क्या आज कम फजीहत हुई है जो तू कल भी सुषमा आंटी से डांट पड़वायेगा?

राहुल गांधी, "तो ठीक है मम्मी...मैं कल नहीं जाऊंगा, जब मैं वहां हूंगा ही नहीं तो सुषमा आंटी का बाबा जी का ठुल्लू हो जायेगा और हम बच जायेंगे?

सोनिया, " तू रूक जरा?

राहुल गांधी, " मैं नहीं...रुकूंगा...मेरा डोरेमेन शुरू हो गया?

#RahulGandhi #SoniaGandhi #Cartoon  #SushmaSwaraj #Parliament #Uproar #Pappu

केजरीवाल के घड़ियाली आंसू पर क्या अब रंग बदलेंगे योगेंद्र यादव?

कभी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पिछवाड़े पर लात मारकर पार्टी से निकालने की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल आज योगेंद्र यादव की घाव पर मरहम लगाने की बात कर रहें हैं।

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण शायद भूले नहीं होंगे जब केजरीवाल के मुस्टंगों ने योगेंद्र यादव समेत सभी आजाद ख्यालों को वादे के मुताबिक भरी बैठक में उठाकर बाहर फेंक दिया था।

आज केजरीवाल ने गिरगिट की तरह रंग बदल कर योगेंद्र यादव के लिए घड़ियाली आंसू भी बहा दिये, लेकिन समझने वाली बात यह है कि योगेंद्र यादव केजरीवाल का कैसे स्वागत करते हैं।
#Kezriwal #YogendraYadav #AAP #SwarajAbhiyan #DelhiPolice #Arrested 

मंगलवार, 11 अगस्त 2015

केजरीवाल को नैतिकता पर घेरते तो योगेंद्र को कुछ माईलेज भी मिलता?

चुनाव विश्लेषक, आप नेता और अब स्वराज अभियान को जनक योगेंद्र यादव की हरकतों और राजनीतिक समझ पर अब तो तरस आने लगा है।

आम आदमी पार्टी से बेइज्जत करके निकाले गये योगेद्र यादव की दूरदर्शिता पर तब भी सवाल उठे थे जब उन्होंने केजरीवाल से इतर अलग पार्टी के गठन पर ताल-मटोल करते हुए स्वराज अभियान की शुरुआत की थी।

योगेंद्र कोशिश करते तो केजरीवाल के खिलाफ बने तात्कालिक माहौल को नैतिक आधार में अपने पक्ष में कर सकते थे और पार्टी के आधे विधायकों को खुद के साथ हुए व्यवहार का हवाला देकर अलग-थलग कर सकते थे, लेकिन योगेंद्र तब न जाने कौन से फ्री जोन में घूम रहे थे?

अब बीती रात 1 बजे लैंड बिल के लिए प्रधानमंत्री निवास पर जाने क्या करने जाने जा रहे थे? जबकि लैंड बिल में सरकार द्वारा सभी संसोधनों को वापस ले लिए जाने कोई दम नहीं बचा है?

केजरीवाल को उसकी अधिनायकवादी और अवसरवादी रवैये पर घेरने और नैतिकता सिखाने के बजाय योगेंद्र फिजूल की एनर्जी खराब कर रहें हैं।

बजाय इसके योगेंद्र अगर केजरीवाल को आईना दिखाते हुए आंदोलन करते तो लोगों की सहानुभूति मिलती और एक राजनीतिक पृष्ठभूमि भी तैयार होती, लेकिन अफसोस है कि योगेंद्र शून्यता की ओर बढ़ रहें हैं।

#YogendraYadav #Kezriwal #AAP #SwarajAbhiyan #DelhiPolice #ThrowOut 

खूब लड़ी मर्दानी...वो जो दिल्ली वाली लांबा थी?

केजरीवाल की छाती फूलकर उस वक्त दो गज की हो गई जब अलका लांबा नामक मर्दानी खून से लथपथ होकर भी अग्निपथ पर चलती रहीं?

और जब से खूब लड़ी मर्दानी की टीवी पर ऑडियो के बाद वीडियो लांच हुआ है तब से केजरीवाल लांबा को वर्ष 2015 का फिल्मफेयर अवॉर्ड देने के बाद की स्पीच तैयार कर रहें हैं।

केजरीवाल, "अलका लांबा मुझे तुझपे गर्व है? कहते हैं कि जब कोई अपना ड्रामेबाज कैटेगरी का बेस्ट अवॉर्ड जीत लेता है तो आंखें बस नम हो जाती हैं जी...

केजरीवाल, "देश को तुमपे नाज़ है अलका...ऐसी ही आगे बढ़ती रहो? वैसे तो सूरज को दिया नहीं दिखाया जा सकता है, लेकिन फिर भी मेरी सलाह है कि अगली बार शॉट देने से पहले मेकअप मैन और सिनेमेटोग्रॉफर जरूर बदल लेना, आमीन!

नेपथ्य में-
केजरीवाल-(अलका लांबा का गला दबाते हुए) अगर मैं फिल्मों के रीव्यू और प्ले देखने में बिजी नहीं होता तो मुझसे ड्रामेबाज कैटेगरी का अवॉर्ड नहीं छीन सकता था...(गला छोड़ते हुए) लेकिन अच्छी बात यह है कि घर का अवॉर्ड घर में ही गया?

#AlkaLamba #Kezriwal #AAP #Gundagardi #Drug #Drama #AapMla #DirtyPolitics

सोमवार, 10 अगस्त 2015

एक खुली, नंगी और उधड़ी पाती नीतीशकुमार के नाम?

फिजूल की बातें मत कीजिये नीतीश जी ? डीएनए की बात और बीमारू राज्य के मुद्दे दोनों में कोई दम नहीं है। प्रधानमंत्री ने बिहार के डीएनए नहीं, आपके डीएनए की बात की है, कन्फ्यूज मत होइ़ये?

क्योंकि बिहार के लोग काफी इंटलीजेंस होते हैं, उन्हें पता है कि केवल बाप का डीएनए ही बेटे से मेल खाता है और अब आप यह तो नहीं कहेंगे कि आप सभी बिहारियों के बाप हैं या आपका डीएनए सभी बिहारियों के डीएनए में है?

ऐसा मत करो, बिहार के लोगों का अपमान कर कर रहें हैं। ऐसा न हो कि आपकी इस गाली से विधानसभा चुनाव में एक सीट भी निकलनी मुश्किल हो जाये।

दूसरी बात, बीमारू प्रदेश की है तो अगर बिहार बीमारू प्रदेश नहीं होता तो पिछले 10 वर्षों से आप खुद विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राजनीति नहीं कर रहे होते?

तो सीधी सी बात है कि कोई और रास्ता निकालों, क्योंकि दोनों मुद्दों में कोई दम नहीं है, क्योंकि आत्मघाती और उड़ते हुए तीर हैं जो आके अपने ही पिछवाड़े लगेंगे और खुद को ही घायल कर बैठेंगे?

#NitishKumar #JDU #RJD #Modi #DNA #SickState #BiharPolls #DirtyCoalition

कांग्रेसी बोले, "हम गधे के सिर पर सींघ उगा कर रहेंगे?

कांग्रेस एंड पार्टी के नेता आरोप गधे पर लगे सींघ की तरह तब गायब हो जाते हैं जब उनसे पूछा जाता है कि बताइये आपके पास क्या सुबूत है कि उन्होंने क्या गलत काम किया है?

यह सवाल पूछते ही सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी समेत सभी छुटभैय्या नेताओं को पसीने छूट जाते हैं और हकलाते हुए कहते हैं-

"नहीं, नहीं...गधे के सींघ तो हैं, लेकिन हम बता नहीं सकते और जैसे ही हमारी मांग मान ली गई और सुषमा स्वराज ने इस्तीफा दिया तो गधे के सिर पर सींघ उगा देंगे?"
;-) ;-) ;-) B-) B-) B-)
#SushmaSwaraj #LalitModi #Uproar #Parliament #LokSabha #RajyaSabha

प्रशांत भूषण जैसे विक्षिप्त लोगों को सार्वजनिक मंच नहीं मिलना चाहिए?

शिव ओम गुप्ता
प्रशांत भूषण को जिस किसी ने भी उनके चेंबर में घुस कर मारा था, अब ऐसा लगता है कि उसने सही किया था, क्योंकि बंदे की हरकत कहीं से भी देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में नहीं दिखती है।

सुना है बंदा अब याकुब मेमन की फांसी पर मीडिया चैनलों पर हुई कवरेज पर सरकार द्वारा दी गई नोटिस को मीडिया थ्रेट घोषित कर रहा है।

लोकतांत्रिक ढांचे के अंतर्गत ही सरकार मीडिया चैनलों से सवाल-जबाव कर रही है। आखिर उक्त मीडिया चैनलों ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धता बताकर याकुब की फांसी पर लगातार कवरेज क्यों किया और मुंबई हमलें में दोषी करार अपराधी को जबरन हीरो बनाने की कोशिश क्यों की?

जबाव तो आने चाहिए न कि आखिर उक्त चैनलों ने देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को नीचा क्यों दिखाते हुए लगातार याकुब मेमन की फांसी पर इंसाफ और नाइंसाफी पर बहस क्यों की? जबकि 21 वर्षों के लंबे ट्रायल के बाद याकूब को फांसी की सजा हुई थी।

क्या उक्त चैनलों ने देश की संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं की अवमानना और अपमान नहीं किया है, जो अंतिम फैसला और दया याचिका रद्द किये जाने के बावजूद टीवी पर जोरों तक बहस करती रहीं कि क्या याकूब को फांसी दी जानी चाहिए अथवा नहीं?

प्रशांत भूषण जैसे लोगों की वजह से देश की एकता अखंडता को पहले भी नुकसान हो सकता था, जब प्रशांत भूषण ने पाकिस्तानी और कश्मीर में बैठे अलगाववादी ताकतों के सुर में सुर मिलाते हुए भारत के अभिन्न अंग कश्मीर में जनमत संग्रह की आवाज उठाते हैं।

प्रशांत भूषण की उक्त मांग देशद्रोह से कम छोटा अपराध नहीं है बावजूद इसके भारत में मौजूद मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों के चलते प्रशांत भूषण पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, अगर पाकिस्तान होता तो प्रशांत भूषण के साथ क्या होता प्रशांत भूषण अच्छी तरह से जानते हैं ।

भारत सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत उक्त चैनलों को नोटिस देकर जबाव तलब किया है, जिसका जबाव चैनल्स देंगे, लेकिन प्रशांत भूषण को इसमें भी बेवजह हीरो बनना है और मीडिया में बने रहने के लिए बकवास करना है।

जरा सोचिए? जो आदमी कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर सकता है, 257 से अधिक निर्दोष लोगों की मौत की साजिश करने वाले आतंकी याकूब मेमन के प्रति सहानुभूति रखता हो, ऐसा व्यक्ति देश को लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है? क्या हमें ऐसे किसी की बात सुननी चाहिए?

प्रशांत भूषण की मकसद सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करना और सुर्खियों में बने रहना है, भले ही उनकी हरकतों से देश की अस्मिता और सुरक्षा से समझौता हो जाये।

प्रशांत भूषण जैसे लोगों का मीडिया में ही नहीं, आम जनता में भी विरोध होना चाहिए ताकि ऐसे लोगों को कोई सार्वजनिक मंच न मिल सकें, जहां वे अपनी अराजक और देश विरोधी गतिविधियों को जन्म दे सकें। जय हिंद, जय भारत।

#PrashantBhushan #AAP #Kezriwal #YakubMemon #Referndom #Kashmir #MediaChannel #IBMinistry #Notice

रविवार, 9 अगस्त 2015

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 10 सवाल?

आखिर बिहार की जनता क्यों दें लालू ( चारा घोटाले)+कांग्रेस (2जी, कोलगेट) गठबंधन को वोट?

1) प्रधानमंत्री मोदी ने आपके राजनीतिक डीएनए पर सवाल क्या उठाया, आपने उसे अपने डीएनए और बिहार के डीएनए से जोड़कर राजनीतिक रोटिया सेंकनी शुरु कर दी। इससे बिहार और बिहारी अस्मिता का अपमान हुआ है?

2) आपने इशरत आतंकी को बिहार की बेटी बताकर बिहारी अस्मिता का अपमान नहीं किया?

3)आपने कोसी आपदा के समय गुजरात द्वारा भेजी गई सहायता राशि लौटाकर गुजरात की जनता का अपमान किया?

4)सुप्रीम कोर्ट से निर्दोष सिद्ध होने के बाद प्रधानमंत्री को 2002 के दंगे का दोषी बताकर सर्वोच्च न्यायालय का अपमान नहीं किया?

4)भाजपा से अलग होकर बिहार के जनादेश का अपमान नहीं किया?

5) एसटीइटी पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति न करके सवर्ण वर्ग का अपमान नहीं किया?

6) सरकारी धन से कब्रगाह की घेराबंदी कराके जनता के पैसों का दुरुपयोग नहीं किया?

7) फर्जी शिक्षक बहाल करके बिहारी छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं किया?

8) महर्षि चाणक्य और वाल्मिकी की धरती पर मदिरालय खोलकर इस पवन धरती का अपमान नहीं किया?

9) चारा घोटाले में दोषी और सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव का साथ लेकर दोबारा जंगलराज में ढकेलने का अपराध नहीं किया?

10) बिहार की जनता बीजेपी-जदयू सरकार की गठबंधन सरकार के काम से विकास की ओर बढ़ने लगी थी तो क्या महज स्वार्थ और प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए आपने बिहार को एक बार फिर दलदल में झोंकने का प्रयास नहीं किया?

#BiharPoll #RJD #JDU #Congress #NitishKumar #LaluYadav #FodderScam #2GScam #CoalGate

शनिवार, 8 अगस्त 2015

पोर्न का समर्थन करने वाले लोग किस दुनिया के है?

कला, सिनेमा, राजनीति और सोशल वर्क से जुड़े तमाम सेलिब्रेटीज की बातें सुनकर हैरानी होती है कि वे कितने जड़ों से कटे हुए हैं।

एक तरफ देश चंद्रयान और मंगलयान मिशन पर है तो दूसरी ओर गरीबी और कुपोषण भी देश का स्याह सच है, जिससे उबरना बाकी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि स्पेस मिशन रोक दिय जाये अथवा देश की जमीनी समस्या से आंखें मूंद ली जाये?

लेकिन कुछ स्वघोषित तथाकथित वे बुद्धिजीवी वर्ग, जिन्होंने खुद को जबरन सर्वज्ञाता मानते है और कहते हैं कि अब हम 21वीं और 22वीं जी रहें हैं हमें पुरानी सभ्यता और संस्कृति को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए, तो हंसी छूट जाती है।

हंसी इसलिए छूट जाती है, क्योंकि जिन लोगों ने थोड़े पैसे कमा लिए, थोड़े पैसे जोड़ लिए और विदेशों की सैर कर वहां की अधनंग और उच्छश्रृखल संस्कृति देख ली है, वे उसे विकास का पैमाना मान लिया है और बगैर दोनों देशों के परिस्थितियों की तुलनात्मक अध्ययन किये उपदेश देने लगते हैं कि हम कौन से युग में जी रहें हैं।

ऐसे लोगों पर सिर्फ तरस ही खाया जा सकता है, क्योंकि ऐसे लोग क्षणिक पब्लिसिटी स्टंट के लिए ऐसा करने को मजबूर होते हैं।
#Celebraty #PublicityStunt #Pornography #Banned #WesternCulture #PornFilm

स्वाति मालीवाल का सतही ज्ञान, कैसे होगी महिला सुरक्षा?

दिल्लीवालों ने केजरीवाल के हाथ में उस्तरा थमा दिया था अब केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग की जिम्मेदारी भी रिश्तेदार स्वाति मालीवाल को सौंप कर महिला सुरक्षा भी तखाने में रख दिया है।

वो कहावत तो सुनी होगी आपने? "अंधा बांटे रेवड़ी, फिर-फिर अपने को दे" मतलब, पहले खुद काबिल हो तो बंदा काबिल को चुनेगा न?

स्वाति मालीवाल कितनी काबिल हैं, इसकी मिसाल उनके हाल के बयान से साबित हो जाता है। बकौल स्वाति, "दिल्ली के जीबी रोड पर 6 लाख कांडोम की बिक्री यानी 6 लाख बलात्कार?"

स्वाति मालीवाल के इस छिछले और सतही ज्ञान पर दिल्ली, मुंबई और तमिलनाडु के सेक्स वर्कर संगठनों ने आपत्ति दर्ज करते हुए स्वाति से माफी मांगने की अपील की है।

हालांकि केजरीवाल ने 49 दिनों के स्टंट में प्रसिद्ध लेखिका को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन वो पॉलिटिकल गिमिक साबित हुआ और पूर्ण बहुमत की सरकार आते ही केजरीवाल लेखिका को दरकिनार कर दिया!
#DCW #SwatiMaliwal #Kezriwal #AAP

शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

पोर्नोग्रॉफी के लंबरदार उतने ही खोखले-छिछले है, जितने जेहादी?

ये तो वहीं बात हुई कि मां के पेट में 9 महीने पलने वाले बच्चे को भी मां का दूध पीने के लिए भी ट्रेनिंग देनी होगी?
हर बात की चीर-फाड करने वाले अति उत्साही तथाकथित सेलिब्रेटीज और लेखकों को समझनी चाहिए कि कुछ बातें प्रकृति पर छोड़ दी चाहिए?

क्योंकि आंखें अपनी सुरक्षा के लिए पलकें खुद झपकाती है, उसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं देनी पड़ती है, ठीक ऐसे ही सेक्स है।

सोचिए, आदम और हौवा को किसने सेक्स की ट्रेनिंग दी थी, जिनकी हम सब संतानें हैं? यह तर्क बेहद ही बकवास और बेहूदा है कि सेक्स ज्ञान के लिए पोर्नग्राफी को छूट देना आवश्यक है।

वह दिन लद गये जब हम सोने की चिड़िया कहलाते थे और जब हमने खुजराहो और कामसूत्र जैसी वृहद सोच वाली कलाकृतिया विकसित की थीं और बनाई थीं।

अब वह जमाना नहीं रहा? अभी भी हमारे देश की 30 फीसदी जनता एक वक्त का खाना ठीक से खा पाती है, तो सबसे पहले हम ठीक से रोटी, कपड़ा और मकान तो जुटा लें, सेक्स और सेक्स टॉय की दुकान खोलने की वकालत फिर कर लेंगे।

पोर्नग्राफी को रोटी, कपड़ा और मकान के समकक्ष रखने वाले ऐसे मठाधीशों को मालूम होना चाहिए कि जिस उच्छश्रृखलता की वो बातें कर रहें हैं, वह स्वत: स्फूर्त: आता है।

ऐसी मनोदशा के लिए मानसिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक तरक्की की आवश्यकता होती हैं और यह बात विदेशी की तात्कालिक खुलेपन और तरक्की को देखकर और जाकर समझने की जरुरत नहीं, बल्कि हमवतन की स्थितियों-परिस्थितियों को समझकर लिखने और बताने की जरुरत है।
#Pornography #SexEducation #Banned

बुधवार, 5 अगस्त 2015

पूरा बिहार नीतीश कुमार का डीएनए कैसे हो सकता है?

प्रधानमंत्री को डीएनए पर चिट्ठी लिखने से पहले नीतीश कुमार को समझना चाहिए कि उनके डीएनए और सभी बिहारियों के डीएनए एक नहीं हो सकते हैं?

यह तो एक तरह से गाली है कि उन सभी बिहारियों के लिए, जिन्हें नीतीश कुमार अपना डीएनए बता रहें हैं? नीतीश को मालूम होना चाहिए कि पिता और पुत्र के डीएनए में ही केवल समानता होती हैं?

आखिर नीतीश कुमार कहना क्या चाहते है? नीतीश कुमार को अपने बेतुके चिट्ठी और राजनीतिक स्टंट के लिए खुद बिहार की जनता से माफी मांगनी पड़ सकती है।

प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के डीएनए की बात की है, बिहार के डीएनए की बात नहीं की है, लेकिन नीतीश कुमार ने सभी बिहारियों को अपने डीएनए से जोड़कर अपमानित कर दिया है।
#DNA #NitishKumar #Bihar #Modi #AssemblyPoll #JDU #BJP #RJD

मंगलवार, 4 अगस्त 2015

अब दिग्गी चुल्लु भर पानी में डूब मरेगा या तालाब में?

बड़बोले बयानबाज दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी राजा आज मुंह छिपाये-छिपाये फिर रहें हैं ताकि मीडिया का कैमरा उनकी शक्ल न कैद कर ले?

मुंबई 26/11 हमले के पाकिस्तानी जांचकर्ता तारिक खोसा के खुलासे के बाद दिग्गी राजा के उस झूठ और दुष्प्रचार की पोल खुल गई, जिसमें उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के लिए आरएसएस को लपेटने की असफल कोशिश की थी!

आज जब तारिक खोसा ने खुलासा कर ही दिया कि 26/11 मुंबई हमलों की साजिश पाकिस्तान में की गई थी तो समझ नहीं आ रहा कि दिग्गी चुल्लु भर पानी में डूब मरेगा या किसी तालाब में कूद जायेगा?

दिग्गी राजा की मोटी चमड़ी देखो? बंदे ने आरएसएस पर झूठे आरोप ही नहीं लगाये थे, बल्कि किताब भी छपवाई थी? दिग्गी, मान गये तुम्हें और तुम्हारी बेशर्म मोटी चमड़ी को, जिसको सफेद झूठ और दुष्प्रचार की महारत है!

#DigvijaySingh #Congress #RSS #MumbaiAttack #Shameless #DirtyPolitics

सुषमा मुद्दे पर बहस हो गई तो पप्पू फिर फेल हो जायेगा?

राहुल गांधी उर्फ पप्पू कह रहा है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का इस्तीफा कांग्रेस नहीं, पूरा देश मांग रहा है?

सच्चाई यह है कि पप्पू को पीछे खड़े कांग्रेसी नेता भी सच्चाई जानते हैं कि पप्पू की बातों में दम नहीं है, क्येंकि सभी जानते है कि कांग्रेस की उक्त कवायद पप्पू के पास करने की नाकाम कोशिश है।

रही बात पूरे देश की तो? तो पूरा देश कांग्रेस और कांग्रेसी झूठ और दुष्प्रचार से अच्छी तरीके से वाकिफ है कि कैसे पूरे 60 वर्ष तक उसने झूठ और दुष्प्रचार से देश को बेवकूफ बनाये रखा।

और कांग्रेस जब भी यह सत्ता से रही है उसने सत्ता के पक्ष के खिलाफ झूठ और दुष्प्रचार फैलाकर सत्ता में वापस आने की कोशिश की है।

इतिहास गवाह कि ऐसा कांग्रेस हमेशा करती आई है और ललित मोदी मुद्दे पर संसद में बहस से भाग रही कांग्रेस जानती है कि अगर बहस हो गई तो पूरी पार्टी नंगी हो जायेगी और देश का अरबों रुपये बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी पड़ सकती है?

#LalitModi #SushmaSwaraj #Congress #Uproar #Parliament #LokSabha #RajyaSabha #RahulGandhi #SoniaGandhi