गुरुवार, 7 मई 2015

एक बार फिर पप्पू (राहुल गांधी) फेल हो गया!

पप्पू उर्फ राहुल गांधी को आलू और चिप्स के दाम नहीं पता है? क्योंकि पिछले 10 वर्ष सत्ता में पप्पू की अम्मा की सरकार ही थी!

पप्पू का कहना है कि 2 रुपये प्रति किलोग्राम के आलू से 10 रुपये के चिप्स बिकते है?

पप्पू के मुताबिक एक किलोग्राम आलू से महज 10 रुपये के चिप्स निर्मित हो पाते हैं? यानी किसान ही नहीं चिप्स बनाने वाली कंपनियां भी घाटे में हैं!

अब पप्पू से क्या उम्मीद की जा सकती है? किसी ने लिखकर दे दिया और पप्पू ने बोल दिया, इसमें पप्पू की क्या गलती है?

पप्पू को कोई बता दे कि एक किलोग्राम आलू में चिप्स बनाने वाली कंपनियां 10 रुपये नहीं, 100 रुपये कमाती हैं?

कहते हैं कि बकरे को शेर को खाल पहनाने से बकरा मिमियाना नहीं छोड़ देगा, पोल तो खुल ही जाती है?

केजरीवाल की हिम्मत देखो ?

महाराज पार्टी सदस्यों की तरह अब मीडिया को भी डिक्टेक्ट करने जा रहें है? सुना है भाई साहब ने टीवी न्यूज चैनलों के प्राइम टाइम शो की निगरानी करवाने के लिए एक कमेटी बना दी है ।

कहते हैं विनाश काल में बुद्धि विपरीत हो जाती है, लेकिन केजरीवाल की बुद्धि ही भ्रष्ट हो चुकी है, अब तो हो चुकी दिल्ली भ्रष्टाचार मुक्त!

क्योंकि भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए केजरीवाल पार्टी के भ्रष्ट नेताओं पर कार्यवाही करने के बजाय मीडिया पर लगाम कसने की तैयारी कर रहें हैं?

ईश्वर केजरीवाल एंड टीम को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि दिल्ली के वोटरों की हवाई ख्वाहिशें जिंदा बची रह सकें!

Why is Narendra Modi making more foreign visits?

Barack Obama and China supports India's bid for permanent UNSC seat.- $35 billion investment by Japan over a period of 5 years and along with it their expertise in making bullet trains.

Australia is set to sign a Nuclear Power deal with India to supply around 500 tonnes of Uranium to India.

Satya Nadella (Microsoft), Indra Nooyi (Pepsico), Sheryl Sandberg (Facebook), Jeff Bezos (Amazon), Mark Zuckerberg (Facebook) discussespossible investments.

Israel inks $5 million deal for Joint Educational Research programme.- $20 billion investment from Xi and his Chinese counterparts.

 2 billion Euros support from France for sustainable development in India.- Airbus to increase outsourcing in India from 400 million euros to 2 billion euros over the next five years.

French National Railways has agreed to co-finance an execution study for a semi-high speed project on upgradation of the Delhi-Chandigarh line to 200 kmph.

Canada agrees to supply 3,000 metric tonnes of uranium to India from this year to power Indian atomic reactors. While we are all yearning for a transformation, development, etc.

There is someone who is actually settingup the infrastructure for it. Marketingof 'Brand India' has never been so important !!

Number of days Modi stayed abroad touring 15 countries as a PM on official trips = 45.

Number of days Rahul stayed abroad (Bangkok) without informing his voters= 57.Let's be sensible to analysis & make a judgment !!!

Courtesy- Subham Chaudhary

सोमवार, 4 मई 2015

मीडिया को मिला भस्मासुर केजरीवाल!

शिव ओम गुप्ता
ऊल-जुलूलू हरकतों और गंदी भाषा शैली के आधार पर आज यह कहा जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल भारतीय इतिहास का सबसे अमर्यादित मुख्यमंत्री है, जो भारतीय राजनीति को हमोशा कलंकित करता रहेगा।

ऐसी भाषा शैली और एप्रोच से केजरीवाल बोलता है कि लगता ही नहीं कि उक्त भाषा प्रदेश के शीर्ष पद पर बैठे मुख्यमंत्री की होगी।

एक उदाहरण-

केजरीवाल, "मीडिया ने आम आदमी पार्टी को बदनाम और बर्बाद करने की 'सुपारी' (गैंगस्टर की भाषा) ले रखी है।"

ये वहीं केजरीवाल हैं जिन्हें मीडिया ने हीरो से मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया है। मीडिया को भी अब चिंतन करना चाहिए कि उसका काम सिर्फ सूचना देना है, एजेंडा सेट करना नहीं?

वरना जनता को ही नहीं, मीडिया को भी केजरीवाल नामक भस्मासुर मिल सकता है, जो खुद को बनाने वाले को ही सबसे पहले भस्म करने की कोशिश करता है!

#Kezriwal#AAP #Media #DelhiCM #GobackIndianMedia #DontComeBackIndianMedia #NepalEarthquake

शनिवार, 2 मई 2015

देश को लूटने वाली कांग्रेस अब रॉबिनहुड बनीं फिर रही है!

जमीन बेची, खदान बेचा, खेत और खलिहान बेचा... देश में ऐसी कोई जगह नहीं बची है, जिसमें 68 सालों तक खान्ग्रेस ने घोटाले नहीं किये। गांधी खानदान की तो बात ही मत करो...

RTI से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में सिर्फ 3
समाधि (गांधी, नेहरू और इंदिरा) के लिए कुल 6000 करोड़ रुपए किमत की जमीन पर कब्जा जमाये हुए हैं।
इस लिस्ट में अगर राजीव को शामिल करें तो पूरे देश में आंकडा 70000 करोड़ रूपये तक जाता है।

खान्ग्रेस के दामाद रोबट वद्रा ने ताकत आजमाईश से दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और हिमाचल में किसानों की हजारों एकड़ जमीन और समेत कई प्राईम प्रॉपर्टीयां हडप ली...

एक तिहाई कश्मीर पाकिस्तान को और आधा अरुणाचल प्रदेश चीन को देने वाला पापी परिवार आज जमीन की बात करता है, और ये सब कुछ उसी अंग्रेजों के बनाए 'भूमि- अधिग्रहण कानून' के सहारें।

लेकिन जब किसान कुदरत की मार झेल रहा था, तब खान्ग्रेस के शहजादे 'पप्पू' 58 दिन विदेशों में मौज मना रहे थे, आज जब किसान के आँसू सुख गये तब पप्पू अचानक नौटंकबाजी करने चुनावी प्रचार में उतर आयें।

अरे मोदी को आए अभी साल भर भी नहीं हुआ... और 68 साल लुट मचा रही खान्ग्रेस और उसके एजेंट केजरीवाल यह दिखाने में लगे है की किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन मोदी है... कमाल है।

इन्हें पता चल चूका है की नमो पांच साल में इनकी इतनी गहरी कब्र खोद देंगे की इनकी आने वाली पीढ़ियां भी उसमें से नहीं निकल पाएंगी।

Courtesy:- निर्मल शर्मा 

अरुण शौरी का फस्ट्रेशन उन्हें कहां ले जायेगा?

शिव ओम गुप्ता
भाजपा में फस्ट्रेटेड नेताओं की कमी नहीं है। अरुण शौरी को भी मार्गदर्शक मंडल वाली टीम में धक्का दे दिया जाना चाहिए, क्योंकि लाइमलाइट में न रहने की कमी सबको खलने लगती है?

मोदी सरकार की 'सबका साथ-सबका विकास' और जन-धन योजना को जहां अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल गई है और कई देश उस पर अमल करने की बात कह रहें है।

यहां तक कि विश्व बैंक प्रमुख से लेकर वैश्विक रेटिंग एजेंसीज तारीफ कर रही हैं, ऐसे में शौरी और मीडिया प्रोपेगेंडा को समझना आसान है, जिनका मकसद ही कुछ और है!

एक बार मान भी लें कि अरूण शौरी की बात एक फीसदी सही भी है, तो शौरी उक्त बातें 'ज्ञानवर्धक बातें' पार्टी फोरम में भी उठा सकते थे? प्रधानमंत्री से स्वयं मिल सकते थे, लेकिन?

गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

राहुल गांधी, 'घड़ियाली आंसू देख रहा है देश का वोटर!'

शिव ओम गुप्ता
परीक्षा में बैठने से पहले पुराने परीक्षा में जिन सवालों के जबाव नहीं दे सके थे राहुल गांधी एंड टीम को उससे सबक लेना चाहिए वरना शर्तिया फिर फेल हो जायेंगे!  

राहुल गांधी विशुद्ध कांग्रेसी ढर्रे की पुरातन राजनीति कर रहें हैं, जिसमें कुछ नया नहीं है, बल्कि बोरियत है।

 राहुल गांधी को अच्छी राजनीति करनी है तो पहले उन्हें केंन्द्र के 10 वर्ष की घोटालों और पिछले 15 वर्षों में कांग्रेस सरकार के दौरान महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी की समीक्षा करके देश से गद्दारी के लिए माफी मांगनी चाहिये फिर किसानों के हित के घड़ियाली आंसू बहाने चाहिये।

याद रखिये अब कांग्रेस की परंपरागत गांधी परिवार प्रेमी वोटर नहीं रहे, जिसको वो आसानी से वे मूर्ख बनाकर सत्ता में पुनर्वापसी कर लेते थे?

लेकिन आज का युग बदल गया है, क्योंकि आज का युवा वोटर  राजनीतिक दुष्प्रचार को बढ़िया से समझती है और उन सभी दुष्प्रचारों का सच और झूठ सोशल मीडिया के जरिये उसके पास रिफाइन होकर पहुंचता है।

 राहुल को अगर कांग्रेस की पुरानी ढर्रे पर राजनीति में पुनर्वापसी करनी है तो भूल जाये वरना अभी भी समय है और गाली देने के बजाय विकास प्रेरित राजनीति की बात करनी शुरू करें।

 क्योंकि जनता राहुल गांधी को सुनना पसंद नहीं करती है, वह जानती है राहुल गांधी की बातें छिछली होती है और स्क्रिप्टेड ड्रामेबाजी होती है!

#RahulGandhi #Congress #Youth #Voter 

राहुल गांधी कच्चे नींबू हैं सबको पता है पर कांग्रेस?

राहुल गांधी किसानों की आड़ में राजनीतिक ड्रामा भले कर रहें हैं, लेकिन यह भूल गये हैं या भूलने का ड्रामा कर रहें है।

क्योंकि पिछले 10 वर्ष केंद्र और महाराष्ट्र में 15 वर्ष कांग्रेस की सरकारें रही है और उनके ही कार्यकाल में किसानों की सर्वाधिक मौत हुई है।

कोई कैसे इतनी दोगली बातें कर सकता है। गलती मानने वाले को माफी मांगने पर जनता एक बार माफ भी कर देती है, लेकिन चोरी करके सीनाजोरी करने वालों को देश की जनता कभी नहीं करेगी!

राहुल गांधी कच्चे नींबू हैं यह तो दुनिया को मालूम हैं, लेकिन पूरी कांग्रेसी जमात कच्चा नींबू निकलेगी? भरोसा नहीं हो रहा?

#RahulGandhi #Congress #Pappu #IndianFarmers #Suicide

बुधवार, 29 अप्रैल 2015

बचने से नहीं, लड़ने से मिलेगी जिंदगी?

शिव ओम गुप्ता
बचकर नहीं, डटकर तुम्हें चलना होगा?
तुम्हें जिंदगी से लड़कर आगे निकलना होगा?

राह दुश्मन सही, इरादे बदलकर चलना होगा?
तुम नहीं या हम नहीं, तय करके ही भिड़ना होगा?

है आन में अभिमान तो उसमें जान भी भरना होगा?
तू ठान ले बस फिर तो उसको पिछड़ना ही होगा?

मत गौर कर कब क्या किसे समझाना होगा?
सरेराह ही सबक तुम्हें उसे सिखलाना होगा?

अब आन पर नादान, जान हथेली पर लेना ही होगा?
है जान पर अभिमान तो कीमत बतलाना भी होगा?

इसलिए फौरन तुझे अब मौन को दफनाना होगा?
औरत तुझे अब हाथ में खड्ग तो उठाना होगा?

और हाथ लकड़ी में अब ज्वाला तुझे भड़काना होगा?
क्योंकि लड़की नहीं है अबला उन्हें अब बतलाना होगा?

मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

'चोर' कहता है कि मुझे चोर मत कहो, देश की बदनामी होती है?

पिछले 60 वर्षों तक देश को घोटालों और लूटमारी से पीछे ले जा रही कांग्रेस को अब बदनामी का भी डर सता रहा है और अपनी नाकामी और लूट को छिपाने के लिए अपने कुकर्म को भारत की बदनामी से जोड़ रही है।

अफसोस तो इस बात है कि कांग्रेसियों को घोटाला और देश के साथ गद्दारी करते हुए कभी यह एहसास ही नहीं हुआ कि उनके घोटालों से  दुनिया में देश का नाम रोशन हो रहा है कि बदनाम हो रहा है।

मतलब, कांग्रेसी अब चोरी को अपराध श्रेणी  से हटाने की वकालत कर रहें हैं। कहने का अर्थ है कि 'चोर' को चोर कहो, तो चोर कह रहा है कि मुझे चोर मत कहो? क्योंकि इससे उसकी नहीं, देश की बदनामी हे रही है?

सोमवार, 27 अप्रैल 2015

वादे पूरी करो केजरीवाल, वरना दिल्ली माफ नहीं करेगी ?

शिव ओम गुप्ता
कहते हैं कि जो निवाला मुंह में हो, पहले उसको निगलने की कोशिश करनी चाहिये? फिर दूसरे किसी निवाले के बारे में सोचना चाहिये?

लेकिन राजधानी दिल्ली में वादों के पिटारों से निकली और वजूद में आई आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार अब वादों से ही कन्नी काटती नजर आने लगी है जबकि उसे मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और मुफ्त इंटरनेट जैसे 70 लोक लुभावन नारों से दिल्ली में ऐतिहासिक जनादेश हासिल किया था !

उल्लेखनीय है राजधानी दिल्ली के मतदाताओं ने  गत दिल्ली विधानसभा चुनाव में पारंपरिक पार्टियों को धता बताते हुये अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 70 विधानसभा सीटों में से रिकॉर्ड 67 सीटों पर विजयश्री दिलाई थी जबकि देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई और केंद्र में सत्तासीन भाजपा को महज 3 सीटों से संतोष करना पड़ा!

बावजूद इसके राजधानी दिल्ली का मतदाता अब ठगा सा महसूस कर रही है, क्योंकि चुनाव जीतने के बाद वादों को पूरा करने में केजरीवाल सरकार फिसड्डी ही साबित नहीं हो रही है बल्कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार अगर किये वादों का 40 से 50 फीसदी भी पूरा कर देती है तो कोई बुराई नहीं है?

गौरतलब है जिन वादों और ईमानदार कोशिशों के चक्कर में दिल्ली ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंप दी थी, वे केजरीवाल अब दिल्ली की राजनीति को छोड़ राष्ट्रीय राजनीति में हाथ-पांव आजमाने लग रहे है, जिससे अब दिल्ली की जनता के अरमान ही नहीं टूट रहें हैं, बल्कि वे अब खुद के निर्णय को भी कोसने लगे हैं!

इससे पूर्व भी केजरीवाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और मंशा के चलते दिल्ली की गठबंधन सरकार 49 दिनों में छोड़कर लोकसभा चुनाव में कूद पड़े थे, लेकिन चारों खाने चित्त होने के बाद वे दोबारा दिल्ली लौटे और माफी मांग ली और दोबारा दिल्ली में पूर्ण बहुमत सरकार बनाने में कामयाब हुये।

हांलाकि केजरीवाल ने दिल्ली की गद्दी दोबारा संभालते ही किये 70 वादों में से दो लोक लुभावन वादे तत्काल पूरे कर दिये। इनमें 200 यूनिट तक बिजली के खर्च पर वर्तमान टैरिफ का 50 फीसदी कीमत चुकाने और रोजाना 666 लीटर मुफ्त पानी प्रमुख है, लेकिन बाकी के वादे अब तक पिटारे में ही बंद हैं!


लेकिन केजरीवाल की ईमानदारी पर आश्वश्त दिल्ली की जनता अब अधीर हुई जा रही है, क्योंकि उसे भरोसा था कि केजरीवाल सरकार किये वादों को पूरा करने में ईमानदार कोशिश जरूर करेगी, क्योंकि इस बार दिल्ली में पार्टी की पूर्ण बहुमत नहीं होने का बहाना भी नहीं है, पर पूर्ण बहुमत के बावजूद केजरीवाल दिल्ली के मुद्दों को छोड़ अब इधर-उधर की बातें करते अधिक दिखाई पड़ रहें हैं!

कभी केजरीवाल नई भूमि अधिग्रहण विधेयक में राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए दिल्ली में किसान ढूंढ लाते हो, फिर कभी मीडिया पब्लिसिटी के लिए उन्हें फसल बर्बादी का मुआवजा बांटने लगते हैं और तो और गत 22 अप्रैल को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर सभी जिम्मेदारी छोड़कर धरने पर बैठ गये और किसान हितैशी बनते-बनते राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह चौहान को ही सूली पर चढ़ा दिया!

दिल्ली पुलिस का आरोप है कि केजरीवाल और पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने गजेंद्र फांसी पर झूल गया, लेकिन केजरीवाल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता राजनीतिक माईलेज के लिए गजेंद्र की मौत पर मौन रहे और सारे के सारे गजेंद्र की मौत का तमाशा असंवेदनशीलता से तब तक देखते रहे जब तक गजेंद्र पेड़ से झूल नहीं गया?

ध्यान रहे, ये वही केजरीवाल है, जिन्होंने रामलीला मैदान में दोबारा मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह के मंच से घोषणा की थी कि वे और उनकी पार्टी अब पूरे 5 साल दिल्ली की ही राजनीति करेगी और दिल्लीवालों की उम्मीदों को ही पूरा करने में लगेगी।


यही नहीं, केजरीवाल ने दिल्ली से किये गये वादों का हवाला देते हुए पार्टी के दूसरे संस्थापक सदस्यों को इसलिए पार्टी से बाहर कर दिया, क्योंकि वे दिल्ली से बाहर पार्टी को विस्तार देने की बात कर रहे थे? इनमें योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा शामिल हैं, जिन्हें अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी बाहर किया जा चुका है?

सवाल उठता है कि अगर पार्टी दिल्ली से बाहर अभी विस्तार नहीं चाहती है तो भूमि अधिग्रहण विधेयक और मुआवजे की राजनीति क्यों कर रही थी? जबकि दिल्ली में किसान और किसानी भी नाममात्र हैं?

केजरीवाल पर यह भी आरोप लगता रहा है कि वे पार्टी को एक तानाशाह की तरह चलाते हैं और पार्टी में उनकी ही चलती है और जो भी उनसे सहमत नहीं होता, उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है, इनमें पार्टी के तथाकथित आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास का उदाहरण ही काफी है!

सवाल घूम फिर कर फिर वहीं पहुंच जाती है कि आखिर दिल्ली से किये वादों का क्या? जिसे पूरा करने को लेकर केजरीवाल खुद संजीदा नहीं दिख रहे जबकि पार्टी और पार्टी के नेता लगातार विवादों में घिरे रहते है।

जंतर-मंतर पर किसान गजेंद्र की फांसी मामले में पार्टी के सभी बड़े नेताओं का घिरना लगभग तय है, जहां किसान की हत्या और फांसी के लिए उकसाने का मुकदमा पुलिस दायर कर चुकी है।

क्योंकि मंच पर मृतक गजेंद्र की तथाकथित चिट्ठी की लिखावट पर गजेंद्र का परिवार पहले ही सवाल उठा चुका है और गजेंद्र की गरीबी और तंगहाली पर भी सवाल खड़े हो चुके है?

केजरीवाल एंड पार्टी अपने किये वादे पूरे जब करेगी तब करेगी, लेकिन काम कब करेगी यह बड़ा सवाल है। ये तो वही बात हो गई कि चील का उड़ना कम और चिल्लाना ज्यादा?

शनिवार, 25 अप्रैल 2015

कांग्रेसी मूर्ख बनाकर ही वोट लेंगे क्या? राहुल भी इसी राह पर!

शिव ओम गुप्ता
लांचिंग-रीलांचिंग, पिकनिक-हॉलीडे और रिहर्सल-भाषण के बाद बहरुपिये राहुल गांधी एक बार फिर अपनी पुश्तैनी मांद में घुसने जा रहें हैं?

सब कुछ गंवा चुकी कांग्रेस की थिंकटैक एक बार फिर पुराने ढर्रे पर लौटते हुए राहुल गांधी को हिंदू वोटरों को एक फिर ताड़ने के लिए हिंदू तीर्थों के चक्कर लगवा रही है, ताकि हिंदू बहुसंख्यक राहुल गांधी को इटलीवासी नहीं, हिंदुवादी समझे?

जैसा कि उनके पिता राजीव गांधी से अयोध्या राम जन्मभूमि का ताला खुलवा कर किया गया था और हिंदू बहुसंख्यकों को इमोशनल फूल (मूर्ख) बनाते रहे!

क्या कांग्रेस थिंकटैंक 2014 लोकसभा चुनाव की ऐतिहासिक पराजय के बाद अभी भी यह मानती है कि आज की नई जनरेशन भी गांधी परिवार के मोह में इमोशनल फूल बन जायेगी और स्वघोषित पप्पू राहुल गांधी को भी अपना वोट देगी?

आज जहां देश का युवा विकास, तकनीकी और रोजगार की बात कर रहा है, वहीं कांग्रेस एक बार फिर इमोशनल फूल बनाने वाले कॉर्ड पर दांव खेल रही है और पप्पू तो पप्पू? पप्पू की मम्मी भी राजी हैं!

तो क्या विश्व के सबसे बड़े युवा मतदाताओं वाला देश पप्पू के लिए इमोशनल फूल बनने को राजी हैं, क्योंकि कांग्रेस थिंक टैंक तो देश को पप्पू को थोपने पर अमादा दिखती है और वो हर वो चोचले आजमाने की कोशिश करती दिख रही है, जिसके जरिये उसने भारत को 5 दशक तक बर्बाद किया?

#RahulGandhi #Pappu #Congress #Youth  #SoniaGandhi #Voters #GandhiFamily 

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

केजरीवाल एंड पार्टी का मास्टर प्लान बैक फायर हो गया!

#केजरीवाल एंड पार्टी का #मास्टरस्ट्रोक जो उनके ही लिए #हॉर्टस्ट्रोक साबित हो गयी?

मास्टर स्ट्रोक प्लान की पटकथा-

"तैयारी हो गयी ?"
"हाँ हो गयी"
"वो आदमी कौन है जो पेड़ पे चढ़ कर थोड़ा ड्रामा करे, उसे क्या बोलना है सब समझा दिया ना",
"हां, लिख कर दे दिया है",
"कौन है वो?"
"बीजेपी का था अब बस टाइमपास है",
"चलो अच्छा है, कल को कुछ गलत हुआ तो #बीजेपी के सर पे दे मारेंगे के तुम्हारा बन्दा हमारी सभा में ड्रामा कर रहा था।
देखो सब ठीक से हो? बहुत ज्यादा देर तक पेड़ पे ना रहे। जब हल्ला मचे उसे आराम से उतारवा लेना और मंच में ले आना।
वही से उसका भाषण करा देंगे"
"बहुत क्रन्तिकारी होगा, मोदी साब तो हिल जायेंगे हमारे मास्टर स्ट्रोक से !"

हॉर्ट स्ट्रोक- बैक फायर्ड-स्क्रिप्ट:

"लटक गया"
'यह सब किसान आंदोलन को रोकने की साजिश है, बीजेपी चाहती है कि आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जाये"
"हमारी कोई गलती नहीं, हमने गजेंद्र को उतारने की अपील की थी"
"#गजेंद्र अगली बार अगर पेड़ से लटका तो खुद केजरीवाल पेड़ पर चढ़ेंगे, शाखाओं पर जायेंगे और खुद उसे उतारेंगे"
हम से गलती हो गयी जी, हम माफी मांगते हैं जी"
#Gajendra #Kezriwal #AAP #Farmer #Suicide #KumarBiswas

सावधान! एक और बहरुपिया आया?


शिव ओम गुप्ता
क्योंकि अगर राहुल गांधी सचमुच हिंदू धर्म का पालन करते है या हिंदू धर्म को जानते हैं तो यह भी जानते होंगे कि हिंदू धामों की यात्रा एक हिंद धर्मावलंबी कब शुरू करता है?

और अगर राहुल गांधी केदारनाथजी यात्रा को जरिये हिंदुओं के दिलों में पुनर्वापसी की कोशिश है, तो यह छिछोरापन से अधिक कुछ नहीं है ।

ये तो वहीं बात हुई कि 100 चूहे खाकर बिल्ली चली हज को? वो कहते हैं न कि कपड़े बदलने से शक्ल नहीं बदलती है और राहुल गांधी आपकी काबिलियत और कारिस्तानी से देश का बच्चा परिचित है।

अच्छा होगा अगर आप आज राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर लो, क्योंकि देश की जनता का कोई भरोसा नहीं है, क्योकि अभी भी देश की अधिकांश जनसंख्या इतनी समझदार नहीं हुई है, क्योंकि वह आज भी अपना वोट जाति-बिरादरी और भावनाओं और जज्बातों से ही करती है?

एक नहीं, कईयों ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें चाहे-अनचाहे देश/राज्यों को झेलना पड़ता है, क्योंकि वोट देने के बाद जनता सिर्फ  झेल सकती है। यानी, जब चिड़िया चुग गई खेत?

जैसे-पिछले 10 वर्ष देश को मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रुप में झेलना पड़ा, उत्तर प्रदेश में पुत्तर अखिलेश को प्रदेशवासी  झेल रहें हैं और अब दिल्ली में केजरीवाल जैसे बहरूपिये को दिल्लीवाले होश-जोश खोकर वोट देकर झेलने को मजबूर हैं!

तो राहुल गांधी भी निकल पड़े बहरुपिये बनने और हिंदू वोट और जज्बाती वोटरों के दिल में जगह बनाने चल पड़े धार्मिक यात्रा पर...क्योंकि काबिलियत तो है ही नहीं, अब वोट तो ऐसे ही हासिल हो सकते हैं।

तो देश की जनता, आंख-नाक-कान खोल को रखो, क्योंकि मनमोहन सिंह, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल के बाद अब राहुल गांधी बहरुपिये की खाल पहन चुके हैं, बस वादों का पिटारा खोल आपसे वोट मांगने वाले है, तो तैयार रहिये?

गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

Inhumane CM Kezriwal! Thank God, It was Delhi?

Shiv Om Gupta
Delhi you are lucky enough! because what you did in assembly election of Delhi by own your hand at polling booth, never been easy 5 years for you?

Otherwise you can't imagine what will happen with you such so called new age politics of Kezriwal!

Yesterday, Everyone witnessed Kezriwal & his party's characteristic! Kezriwal shown his worsen class by his dirty face of politics at Jantar-Mantar, Delhi where an farmer suicide at front of him and Delhi CM kezriwal continuously does political speech inhumanely?

Think once, If Kezriwal fought election from Haryana or Rajasthan assembly election and they got mandate like Delhi?

I just felt numb to think about it, because if it was in Haryana or Rajasthan then they could have uncontrolled and does whatever they want?

Today indeed National capital of Delhi people will feel relaxed by its own Delhi status that has been controlled by Central government.

बुधवार, 22 अप्रैल 2015

किसान राजनीति में केजरीवाल ने किसान को मार डाला!

शिव ओम गुप्ता
देश में राजनीति बदलने और सुधार करने की बात करने वाले हवशी अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर स्वार्थ प्रेरित राजनीति का ऐसा नंगा नाच खेला कि बड़े-बड़े राजनीतिक दलों ने दांतों तले उंगुली दबा ली। मतलब कि केजरीवाल ने महज केंद्रीय राजनीति में हैसियत जताने और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा दिखाने के लिए एक निर्दोष किसान की बलि ले ली!

केजरीवाल की देहरी पर फरियाद लेकर पहुंचे दौसा, राजस्थान के किसान गजेंद्र ने केजरीवाल की भारी उम्मीदों के बीच हार कर मौत को गले लगाना ही पड़ा!

नि:संदेह दौसा का वह किसान बेमौसमी बरसात से खराब हुए फसल से उपजे आर्थिक तंगी के कारण नाउम्मीदी में था और केजरीवाल से उम्मीदों में आत्महत्या का धमकी दे रहा था!

वरना दो घंटे पहले पेड़ पर चढ़ कर बैठे व्यक्ति ने आत्महत्या में इतनी देर क्यों की? क्योंकि आर्थिक तंगी से परेशान किसान नाउम्मीदी से भरा था और चाह रहा था कि केजरीवाल या पार्टी का कोई सदस्य उसकी बात सुने, लेकिन कोई उसके पास नहीं गया ?

किसान की नाउम्मीदी और उस पर केजरीवाल की अनदेखी से किसान के पास कोई चारा नहीं बचा! शायद किसान केजरीवाल की रैली में उनके अलग राजनीति करने की झांसे से प्रभावित था, जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता झांसे में आ गई थी!

हालांकि खुद को बचाने के लिए किसान ने कई बार चिल्लाकर, गमछा हिलाकर और पर्ची फेंककर कोशिश भी की ताकि कोई आये और उसको उतार कर उसकी बात सुने और उसकी सहायता करे!

लेकिन किसान राजनीति में हाथ धोने में जुटे केजरीवाल ने ध्यान देना जरूरी नहीं समझा और किसान नाउम्मीदी में गमछे को फंदा बनाकर झूल गया! 

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

Rahul's scripted speech doesn't touch hearts!

Propaganda of congress doesn't reflect reality of Indian farmers. It seems congress did not learned anything from defeat.

Hibernated Vice president Mr Rahul Gandhi, who came after 56 days of holiday (Honeymoons) from famous (infamous) Bangkok spoke like shit again.

Because his scripted speech doesn't touch hearts of people, although political malfunctioned speech of his hurts more.

#RahulGandhi #Congress #LandAcquisitionBill #IndianFarmers

फिर धरने पर केजरीवाल, उन 70 वादों का क्या?

शिव ओम गुप्ता
अबे जो निवाला मुंह में ले रखा है पहले उसको निगल? फिर दूसरे निवाले के बारे में सोचना?

कहने का मतलब है कि भाई केजरीवाल पहले उन 70 वादों को पूरा करो, जिसके चक्कर में दिल्ली ने तुम्हें मुख्यमंत्री की गद्दी सौंप दी है?

और तुम हो कि इधर-उधर की बातें करके दिल्लीवालों को बेवकूफ पर बेवकूफ बनाये जा रहे हो?

कभी दिल्ली में किसान ढूंढ लाते हो, फिर फिजूल की पब्लिसिटी के लिए उन्हें मुआवजा बांटने का तिकड़म करते हो और दिल्ली को जिम्मेदारी छोड़कर धरने पर बैठने जा रहे हो?

भाई केजरीवाल, तूने ही कहा था कि दिल्ली को छोड़कर तुम्हारी पार्टी कहीं और के बारे नहीं सोचेगी और पूरा ध्यान दिल्लीवालों की उम्मीदों को पूरा करने में देगी।

और फिर तुमने इसीलिए तो योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को किनारे लगाया क्योंकि वे दिल्ली से बाहर पार्टी का विस्तार चाहते थे और ऐसा तुम नहीं चाहते थे, सच है कि नही?

अब अगर पार्टी दिल्ली से बाहर अभी विस्तार नहीं चाहती है तो भूमि अधिग्रहण विधेयक और मुआवजे की राजनीति क्यों कर रही है?

ये तो वही बात हो गई कि चील का उड़ना कम और चिल्लाना ज्यादा? कुछ काम कर लो बेटा केजरीवाल वरना कहीं ऐसा न हो कि चौबे जी गये छब्बे बनने और दूबे बनकर लौटे?

#Kezriwal #AAP #Delhi #LandAcquisitionBill #Congress

शनिवार, 18 अप्रैल 2015

किसानों के भेष में राहुल गांधी से मिलने पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ता!

शिव ओम गुप्ता
राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंचे अधिकांश लोग किसान की भेष में कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं, क्योंकि किसान कांग्रेस या राहुल गांधी के नारें क्यों लगायेंगे भला?

राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद इसकी पुष्टि कर दी है, उन्होंने कहा, ज्यादा से ज्यादा किसानों को रैली में लेकर आओ?

अब किसान नेता तो किसानों की रैली का खर्च उठा नहीं सकते? क्योंकि राहुल गांधी के आवास पर जुटा लोगों का हुजुम किसान नहीं, बल्कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का है और किसानों को बसों में भर कर भीड़ जुटायेंग?

वैसे, बेमौसमी बरसात से फसल बर्बाद होने सेे किसान खाली हैं उन्हें मुफ्त दिल्ली यात्रा में क्या परेशानी हो सकती है।

राहुल गांधी की रीलांचिंग ही करनी है तो करो भाई, किसानों को क्यों बदनाम कर रहे हो, वे किसान जो स्वाभिमान से जीना पसंद करता है, किसी से कुछ मांगने से बेहतर आत्महत्या कर लेता है, उसके भेष में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को खड़ाकर राहुल गांधी के नारे लगवा कर किसे मूर्ख बनाना चाह रहें हैं ।

दुनिया प्रसंशा कर रही है, कांग्रेस समेत विपक्षी छाती पीट रहीं हैं?

शिव ओम गुप्ता
प्रधानमंत्री #नरेंद्रमोदी के काम-काज और कार्य शैली की चारों तरफ जय जयकार हो रही है, लेकिन यह सुनकर सत्ता गंवा चुके  विपक्षी पार्टियों की छाती पर सांप लोटने लगते हैं, तो इसमें कोई क्या कह सकता है!

#अमेरिकीराष्ट्रपति #बराकओबामा ने #टाइम्समैगजीन में लिखे अपने लेख में मोदी को सबसे बड़ा #सुधारक बताया तो कांग्रेस रो पड़ी, अब #विश्वबैंक प्रमुख #जिमयोंगकिम ने प्रधानमंत्री #जनधनयोजना की प्रशंसा की है और मोदी की #दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए जन धन योजना को एक दूरदर्शी प्रयोग करार दिया है, लेकिन कांग्रेस समेत का रोना ही खत्म ही नहीं हो रहा?

अरे भाई! #विपक्षीपार्टी का मतलब यह थोड़े न होता है कि कुछ भी हो झंडा लेकर खड़े हो जाओ? आंख-नाक-कान खोल के रखों भाई? 

भारतीय योजनाओं की देश-विदेश में प्रशंसा हो रही है और आप हैं कि अभी भी हार के गम में आंसू बहा रहें है? अब तो संभलों, वो जनता अब नहीं रही जो आप सुनाओगे, वो वहीं सुनेगी? 

थोड़ी तो समझदारी दिखाओं? क्योंकि आज का #युवावोटर परिवार और भावना में बहकर वोट नहीं कर रहा है, वह काम और दूरदर्शिता को वोट और सलाम करता है, तो भूल जाओ कि तुम्हारे विरोध और उलटबांसी भरे बयानों से युवा जनता को कोई फर्क पड़ने वाला है? 

भई, जो मोदी सरकार अच्छा कर रही हैं, बतौर विपक्षी पार्टी प्रशंसा नहीं कर सकते हैं तो चुप रहो? कम से कम मुंह खोलकर महज विरोध करने के लिए विरोध के नारे मत लगाओ? 

क्योंकि जनता सब जानती है और सब देख रही है, ये मत समझना कि अब हो-हल्ला करके, रैली और भगदड़ करके उन युवा #मतदाताओं के वोट हासिल कर लोगे, तो भूल जाओ।

हालांकि अभी भी देर नहीं हुई है और पुरातन पद्धति को छोड़कर आगे बढ़ो, क्योंकि अब #बीजेपी से ही नहीं, लोग #केजरीवाल से भी हिसाब करने लगे हैं और फिर कांग्रेस नेता सिर्फ छाती पीट रहे हैं?

#Modi #BJP #JanDhanYojna #JimYongKim #WorldBank #BarrackObama #Congress #OppositionParty