शनिवार, 2 मई 2015

अरुण शौरी का फस्ट्रेशन उन्हें कहां ले जायेगा?

शिव ओम गुप्ता
भाजपा में फस्ट्रेटेड नेताओं की कमी नहीं है। अरुण शौरी को भी मार्गदर्शक मंडल वाली टीम में धक्का दे दिया जाना चाहिए, क्योंकि लाइमलाइट में न रहने की कमी सबको खलने लगती है?

मोदी सरकार की 'सबका साथ-सबका विकास' और जन-धन योजना को जहां अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल गई है और कई देश उस पर अमल करने की बात कह रहें है।

यहां तक कि विश्व बैंक प्रमुख से लेकर वैश्विक रेटिंग एजेंसीज तारीफ कर रही हैं, ऐसे में शौरी और मीडिया प्रोपेगेंडा को समझना आसान है, जिनका मकसद ही कुछ और है!

एक बार मान भी लें कि अरूण शौरी की बात एक फीसदी सही भी है, तो शौरी उक्त बातें 'ज्ञानवर्धक बातें' पार्टी फोरम में भी उठा सकते थे? प्रधानमंत्री से स्वयं मिल सकते थे, लेकिन?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें