पारंपरिक देसी नेताओं की नूराकुश्ती से दिल्ली को मुक्त कराने के लिए जन आंदोलन छोड़कर मजबूरी में राजनीति में आने वाले अरविंद केजरीवाल अब सत्ता ही नहीं, मुख्यमंत्री पद के भी लालची हो चले हैं?
यही तो बात है... पारंपरिक नेता ही तो नहीं थे केजरीवाल, जिसपर भरोसा करके लोगों ने केजरीवाल को वोट किया था!
क्योकि.. वो तो जन आंदोलन से निकले-उबले और हारे आम आदमी थे...जिन्हें मजबूरी में चुनाव में उतरना पड़ा था...
केजरीवाल खुद कहा करते थे कि क्योंकि बाकी सभी पार्टियों के नेता चोर थे, झूठे थे और भ्रष्टाचारी थे, इसलिए वो राजनीति में कूदे और पार्टी बनाई?
लेकिन राजनीति में आते ही केजरीवाल खुद उसी खांचे में ट्रॉंसफॉर्म हो गए...और लालच और वोट के लिए वही करने लगे जैसे सभी देसी नेता करते हैं, फिर हम क्यों दे तुम्हें वोट केजरीवाल?
सारा दुख और अफसोस तो इसी बात का है कि एक जन आंदोलन से निकला आदमी महज सत्ता के लिए वहीं सब कर रहा है जिनको गाली देकर वो खुद चुनाव में कूदने की मजबूरी बता रहा था?
#kezriwal #AAP #Delhi #AssemblyPoll
यही तो बात है... पारंपरिक नेता ही तो नहीं थे केजरीवाल, जिसपर भरोसा करके लोगों ने केजरीवाल को वोट किया था!
क्योकि.. वो तो जन आंदोलन से निकले-उबले और हारे आम आदमी थे...जिन्हें मजबूरी में चुनाव में उतरना पड़ा था...
केजरीवाल खुद कहा करते थे कि क्योंकि बाकी सभी पार्टियों के नेता चोर थे, झूठे थे और भ्रष्टाचारी थे, इसलिए वो राजनीति में कूदे और पार्टी बनाई?
लेकिन राजनीति में आते ही केजरीवाल खुद उसी खांचे में ट्रॉंसफॉर्म हो गए...और लालच और वोट के लिए वही करने लगे जैसे सभी देसी नेता करते हैं, फिर हम क्यों दे तुम्हें वोट केजरीवाल?
सारा दुख और अफसोस तो इसी बात का है कि एक जन आंदोलन से निकला आदमी महज सत्ता के लिए वहीं सब कर रहा है जिनको गाली देकर वो खुद चुनाव में कूदने की मजबूरी बता रहा था?
#kezriwal #AAP #Delhi #AssemblyPoll
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