सोमवार, 6 जुलाई 2015

केजरीवाल फिर आये औकात पर, फिर रायता फैलाने की घोषणा!

शिव ओम गुप्ता
पिछले 5 महीने के सरकार में केजरीवाल ने दिल्ली के लिए भले कुछ नहीं किया, लेकिन रायता खूब फैलाया है और अब खबर है कि केजरीवाल केंद्र के एक बार दो-दो हाथ करने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य के लिए जनमत संग्रह का रायता फैलाने की घोषणा की है।

मतलब, दिल्लीवालों भूल जाओ कि केजरीवाल कोई काम करेगा, क्योंकि जब दही खरीदा है तो रायता ही बनेगा न?

अब तक केजरीवाल ने कुछ काम नहीं किया है। मुख्यमंत्री बनते ही केजरीवाल ने सबसे पहले पार्टी की निजी घमासन में दो महीने निकाल दिये और पार्टी को संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण जैसे दिग्गजों को पार्टी से बाहर कर दिया।

फिर अगले महीने में केजरीवाल ने उप-राज्यपाल नजीब जंग से जबरदस्ती अधिकारों की नूराकुश्ती की, लेकिन हाईकोर्ट ने जब केजरीवाल को औकात में रहने की हिदायत दी तो भाई साहब किसान रैली के राजनैतिक ड्रॉमा करने की कोशिश और एक किसान गजेंद्र सिंह को सरेआम फांसी पर चढ़ जाने दिया।

अगले पूरे महीने केजरीवाल किसान रैली में मारे गये किसान गजेंद्र सिंह मामले में घिरी रही। जबाव देते नहीं बना तो आशुतोष जैसे ड्रामेबाज नेता टीवी पर भुक्का मारकर रोने का ड्रामा किया।

अगले महीने यानी पूरे जून महीने केजरीवाल अपने फर्जी डिग्री धारी कानून मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर को बचाने में लगा दिया और तो और केजरीवाल के कई क्रांतिकारी नेता मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास और आशुतोष जैसे ने फर्जी डिग्री धारी जीतेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी को आपातकाल तक कह डाला, लेकिन जब तोमर की डिग्री फर्जी साबित हो गई तो खिसियाया केजरीवाल कहने लगा कि उसे धोखा हो गया?

पूरा जून महीना केजरीवाल की नौटंकी से सराबोर है।  इसी महीने भाई साहब दिल्ली एमसीडी कर्मचारियों का वेतन नहीं देकर दिल्ली का कूड़ा कर दिया और दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद खींसे निपोरते हुए पैसे जारी किये।

जून माह में केजरीवाल पहला दिल्ली का बजट लेकर आये और दिल्ली की उम्मीदों की रही सही कसर भी चूल्हें डाल दी। चुनाव से पहले वैट कम करने की घोषणाओं के बावजूद केजरीवाल ने वैट ने न केवल 20 % से बढ़ाकर 30% कर दिया जिससे दिल्ली में कई राेजमर्रा के सामानों में महंगाई में वृद्धि हो गई ।

यही नहीं, केजरीवाल ने पूरे 5 महीने भले ही कुछ नहीं किया, लेकिन आत्मप्रशंसा और प्रचार के भूखे केजरीवाल ने दिल्ली बजट में 2000 % से अधिक पैसा अपनी सरकार के प्रचार-प्रसार के लिए आवंटित करवा लिया ताकि वे मीडिया चैनलों में दिख सके और झूठ का कारोबार करके दिल्लीवालों को मूर्ख बनाते रहें।

और अब केजरीवाल ने काम नहीं करने के लिए एक और बहाना ढूंढ लिया कि वे पूर्ण राज्य के मुद्दे पर जनमत संग्रह करवायेंगे और केंद्र सरकार से 'आ बैल मुझे मार' जैसी लड़ाई लडेंगे?

यानी अब केजरीवाल अगले कई महीने दिल्ली में जमकर रायता फैलाने वाले है, तो दिल्लीवालों तैयार रहना है, क्योंकि केजरीवाल का ड्रॉमा तो आपने ही बुक किया है तो ड्रॉमा तो देखना बनता है। दिल्ली को लिए काम तो अब कोई अगली चुनी हुई सरकार ही करेगी। तब तक केजरीवाल को झेलने के लिए कमर कस लो!

क्योंकि खुद केजरीवाल भी बहुत अच्छी तरीके से जानते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली को कभी भी पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं हासिल हो सकता है, लेकिन केजरीवाल का मकसद सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करना है, क्योंकि केजरीवाल समझते हैं कि उनको वोट देने वाले वोटर्स को न ही संविधान की समझ है और न ही वे पूर्ण राज्य मुद्दे की व्यवहारिक अड़चनों को समझते हैं।

#Kezriwal #AAP #Drama #Statehood #Referendum #VAT #DelhiBudget #LawMinister #FakeDegree #JitendraTomer

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें