मंगलवार, 7 जुलाई 2015

एक महिला की इज्जत से क्यों जुड़ जाता है बलात्कार?

शिव ओम गुप्ता
महिलाओं के प्रति बलात्कार को उनकी इज्जत से जोड़कर देखना ही समस्या की असल जड़ है। जब एक मर्द की इज्जत उसके बुद्धि, बल और सौंदर्य से है तो महिला की इज्जत उसके साथ हुए बलात्कार से क्यों जोड़ी जाती है जबकि इससे तो मर्द की ही इज्जत गई?

जब भी अवसर मिला तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में मर्द से कम नहीं रहीं, फिर बुद्धि, बल और सौंदर्य से उनकी इज्जत को क्यों नहीं जोड़ा जाता है, जैसे मर्द का जुड़ता है?

मर्द की इज्जत उसके ताकत से बढ़ती हैं जब वह कोई हीरोगिरी करता है, मर्द की इज्जत उसके बुद्धिमत्ता से होती हैं जब वह कोई बौद्धिक काम करता है और मर्द की इज्जत उसके सौंदर्य में होता है जब वह किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है?

लेकिन महिला की इज्जत को जबरदस्ती बलात्कार से जोड़ दिया गया है जबकि महिला मुक्केबाज मेरी कॉम  अपनी ताकत दिखाकर पूरी दुनिया में नाम काम चुकी हैं, महिला स्पेस वैज्ञानिक कल्पना चावला बुद्धिमत्ता के मामले में पूरी दुनिया में नाम कमा चुकी है और सुंदरता के मामले में एक महिला का कोई सानी नहीं, जिनमें रीता फारिया से लेकर ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन और विश्व की सबसे खूबसूरत चेहरे में शुमार की गई जयपुर की महारानी गायत्री देवी प्रमुख चिह्न है।

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