बुधवार, 4 नवंबर 2015

राहुल गांधी थोपने के लिए असहिष्णुता का स्वांग बंद करो सोनिया गांधी?

शिव ओम गुप्ता
सत्ता सुख का फस्ट्रेशन कांग्रेस को देश विरोधी काम करने के लिए भी रोक नहीं पाती है। उदाहरण है कांग्रेस का तथाकथित असहिष्णुता (Intolerance) का हाईप्रोफाइल ड्रामा?

एक इंसान दिन रात एक करके देश की छवि बदलने के लिए देश-विदेश से भारत में निवेश बढ़ाने के लिए काम कर रहा है और कांग्रेस, जिसका 60 वर्षों का काला इतिहास है, वह मारे फस्ट्रेशन और जलन में असहिष्णुता का गाना गा रही है।

हां, वो कांग्रेस, वही कांग्रेस... जिसने 3000 निर्दोष सिखो को महज बदले के लिए मौत के घाट उतरवा दिया, वो कांग्रेस जिसने राजनीतिक फायदे के लिए सबसे पहले राम जन्म भूमि मंदिर का ताला खुलवाया, अरे वहीं कांग्रेस जिसने पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में घोटालों और भ्रष्टाचार करके देश की साख गिरा कर जग हंसाई करा आई?

आज वही कांग्रेस देश को असहिष्णुता के ऊपर ज्ञान दे रही है। मतलब बगुला भगत हमें ज्ञान दे रहा है, जिसका पूरा का पूरा शरीर ऐसी राजनीति के लहू से सना हुआ है।

सोनिया एंड पार्टी को शर्म आनी चाहिये कि वो किसे मूर्ख बना रहें हैं। अब जनता इतनी भी भुलक्कड़ नहीं है कि वो भूल जायेगी कि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार और उसके तथाकथित प्रधानमंत्री ने देश -विदेश में भारत का कितना बेड़ा गर्क किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण महज 18 महीने के कार्यकाल मे भारत की छवि न केवल बदल गई है बल्कि भारत के साथ आज हर महाशक्तिशाली देश खड़ा होना चाहता है, लेकिन देश में छोटी सी हुई इक्का-दुक्का घटनाओं की आड़ में देश की जनता कांग्रेस को राजनीति की दुकान सजाने नहीं देगी।

और वो कांग्रेसी दुकान, जिस पर पूरा देश लानत भेजता है, जिसके कार्यकाल में हुए बड़े-बड़े घोटालों और भ्रष्टाचार पर पूरा देश आज भी शर्मिंदा है।

चुल्लु भर पानी में डूब मरो कांग्रेसियों? तुम्हें क्या लगता है देश की जनता तुम्हारी राजनीतिक ढकोसलों, नौटंकियों और दुष्प्रचारक कारगुजारियों पर यकीन करेगी और तुम्हारे पिछले पापों को माफ कर देगी, तो तुम्हारी बड़ी भूल है।

सोनिया गांधी और कांग्रेस को अब यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि देश अब थोपे हुए पप्पू और रिमोट संचालित प्रधानमंत्री को सहन करने वाला नहीं है। सोनिया गांधी और कांग्रेस जब तक पप्पू उर्फ राहुल गांधी को सेट करने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी, देश की जनता उनका साथ नहीं देने वाली है।

क्योंकि देश की जनता गांधी परिवार की वैचारिक और भावुक गुलामी से बाहर आ चुकी है और अब वह कांग्रेसी विकास के बजाय देश और स्वयं के विकास की ओर देख रही है और जो विकास की बात करेगा वहीं भारत पर राज करेगा वह चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, कोई फर्क नहीं पड़ता।

भारत देश की जनता आज युवा है और आज का युवा भावनाओं और वैचारिकता में नहीं, विकास प्रेरित राजनीति को समर्थन करती है।

तो कांग्रेसियों अब भी वक्त है, सुधर जाओ और असहिष्णुता का स्वांग छोड़ कर मुद्दों पर आ जाओ वरना 2019 लोकसभा चुनाव असहिष्णुता पर जीत पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।

क्योंकि हिंदू और हिंदुस्तान की पहचान ही सहिष्णुता है, जहां पता नहीं कितने आतताई आये और चले गये, लेकिन हिंदूस्तान सांस्कृतिक और धार्मिक रुप से सदा सहिष्णु और आबाद रहा था और आगे भी आबाद रहेगा।

तो कांग्रेसियों असहिष्णुता का स्वांग छोड़कर, वास्तविकता की धरती पर लौट आओ और देश को राहुल गांधी थोपने का विचार छोडकर कुछ ऐसी बातें करो जो लोगों के भेजे में जाये, उनका भेजा फ्राय मत करो।
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