गुरुवार, 5 नवंबर 2015

महागठबंधन अगर गलती से जीती, तो बिहार व बिहारियों की हार होगी!

शिव ओम गुप्ता
आगामी 8 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम अगर महागठबंधन के अनुकूल जाती है तो यह बिहार और बिहार के तथाकथित इंटलेक्चुअल्स की हार होगी।

इससे पहले गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के मुख्यमंत्री क्रमश: नरेंद्र मोदी, शिवराज चौहान और रमन सिंह ने एंटी इनकमबेंसी के चरित्र को झुठलाकर हैट्रिक लगाई है, वह भी पार्टी आदर्शों को ताख पर रखे बिना।

लेकिन सुशासन बाबू के रूप में मशहूर नीतीश को बिहार में लालू के जंगलराज के खिलाफ वोट देकर सरकार बनवाने वाली जनता का फैसला बिहार का भविष्य तय करेगा।

क्योंकि नीतीश ने महज सत्ता के लिए 10 वर्ष राज करने के बाद लालू के टट्टू बन गये, जिनका विरोध हासिल करके उन्होंने बिहार पर राज किया और देखना यह है बिहार की जनता क्या जनादेश देती है।

नीतीश कुमार महज सत्ता हासिल करने के लिए चारा चोर और जंगलराज के कुख्यात नेता लालू के साथ गलबहियां ही कर ली, बल्कि पार्टी आदर्शों और वसूलों को कूंएं में डाल दिया।

जबकि इसके उलट बीजेपी ने कभी भी वसूलों से समझौता नहीं किया और तीनों राज्यों में अपने बलबूते सफलता हासिल की।

नीतीश और लालू महागठबंधन अगर सफल भी होता हैं तो यह उनकी ही नहीं, बिहार और बिहारियों की हार होगी, जो खुद को इंटलेक्चुअल बताने से नहीं अघाते हैं।
#BiharPolls #LaluYadav #NitishKumar #BJP

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें