रविवार, 24 मई 2015

कहां गए वो ‪#‎AccheDin‬ ???

एक साल की कीमत तुम क्या जानो ‪#‎मोदी‬ बाबू.... बहुत याद आते हैं ... वो "घोटाले भरे दिन" ....

वो "दामाद बाबू" के खेती-किसानी के चर्चे .... उनके
करामती बिजनेस के नुस्खे ।

वो शहजादे का मचल जाना और "अध्यादेश के पन्ने फाड़ हवा में लहराना

वो "राजमाता" का 'गुप्त रोग' के इलाज मे अमेरिका के बार- बार  चक्कर लगाना ....और शहजादे के कमरे मे टेंसूए बहाना ।

वो जिज्जी की चौपाल...... दिग्गी की भौकाल.......
वो जीरो लोस की थ्योरी.....

वो वो... बब्बर की वो 12 रूपये की थाली ....वो घड़ी-
घड़ी #मोदी को गाली । वो डॉलर और पेट्रोल की रेस .... वो CBI तोते के केस ।

वो "मन्नू" का ठुमक-ठुमक कर चलना .... वो हजार सवालों की आबरू रखना ... वो पेड़ पे पैसे का उगना ....

बहुत याद आते हैं, बहुत याद आते हैं... वो "घोटाले भरे दिन"

और अब बहुत याद आयेंगे बैंकाक के 56 दिनों की छुट्टी...जिन्हें जिज्जे ने लूटा...उन्हें पिला रहे हैं शहजादे बाल जीवन घुट्टी!

वो लहरा-लहरा के अब खेतों में चलना...कभी सड़क पर मल्हार तो कभी संसद में भीम तलाशी कर मचलना?

बहुत याद आयेंगे वो जनरल बोगी के रेल, वो किसानों के आंसू और वो बहुरंगी तेरे खेल...

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