गुरुवार, 21 मई 2015

केजरीवाल ने राजनीतिक दुकान गलत जगह खोल दी है!

#एनडीटीवीइंडिया पर #रवीसकुमार दिल्ली सरकार की मतिभ्रष्टता को पुरानी राजनीतिक परंपराओं की दुहाई देकर न केवल उचित ठहरा रहें हैं बल्कि उसको समाधान की शक्ल देने की भी कोशिश कर रहें है।

याद रहे, ये वहीं केजरीवाल हैं, जो देश को बदलने के लिए राजनीति में उतरे थे। मसलन, वीवीआईपी कल्चर खत्म करेंगे इत्यादि!

कहते है कि इतिहास किसी को माफ नहीं करता है, क्योंकि केजरीवाल क्या कर रहें हैं रवीसकुमार भी बढ़िया से वाकिफ हैं।

हंगामा खड़ा करना मकसद है शायद #केजरीवाल का और वो अच्छी तरीके से जानते हैं कि दिल्ली मामले का कोई संवैधानिक समाधान नहीं है, क्योंकि दिल्ली की मौजूदा राजनैतिक दशा में यह संभव ही नहीं है?

सभी जानते हैं कि दिल्ली एक केंद्र प्रशासित राज्य है और अन्य केंद्र प्रशासित राज्यों की तरह उप-राज्यपाल ही उसका एकमात्र प्रशासक व सर्वेसर्वा होता है।

केजरीवाल से बस गलती यह हो गई है कि वे दिल्ली को अन्य राज्यों से तुलना कर रहें है और एक अड़ियल घोड़े जैसा रवैया अपनाये हुए हैं!

केजरीवाल से एक ही नहीं, दो गलती हुई है? दूसरी गलती है दिल्ली से चुनाव लड़ना? केजरीवाल अगर हरियाणा में चुनाव लड़ते और जीतते तो शायद उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक अक्षमता छुपी रह जाती।

ठीक वैसे, जैसे उत्तर प्रदेश में #अखिलेशयादव पुत्तर प्रदेश चला रहें हैं और #उत्तरप्रदेश का हाल और हालात कैसा है किसी से छिपा नहीं है।

#Kezriwal #AAP #UPGovernment #AkhileshYadav #DelhiGovernment

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