मंगलवार, 26 मई 2015

तो अब झूठ फैलाकर सत्ता में वापसी नहीं कर सकेगी कांग्रेस !

शिव ओम गुप्ता 
राहुल गांधी जब पूरे देश में घूम-घूमकर किसान चालीसा पढ़कर महज झूठ फैलाकर राजनीतिक विरासत वापस पाने की कोशिश कर सकते हैं तो सत्ता पक्ष मोदी सरकार को सच और झूठ के अंतर को बतलाने के लिए उनके पास जाना ही पड़ेगा।

वो जमाना गया जब झुठ फैलाकर कांग्रेस सत्ता में वापसी कर लेती थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी डेढ़ सयाने हैं, वे जानते हैं कि झूठ के सिर-पैर नहीं होते हैं और किसी झूठ को बार-बार दोहराने से सच साबित होने लगती है अगर सत्ता पक्ष उन्हीं जनता के पास जाकर सच और झूठ नहीं बतायेगी तो जनता गुमराह होगी ही होगी।

इतिहास गवाह है इससे पहले 5 साल सत्ता के करीब पहुंची पिछली गैर-कांग्रेसी सरकारें दोबारा सत्ता में वापसी करने में इसलिए नाकाम रहीं क्योंकि वे सरकारें कांग्रेसी झूठ को खारिज करने जनता के पास नहीं गई और जनता ने झूठ को सच मानकर 5 वर्ष बेहतर काम करने वाली सरकारों के खिलाफ वोट किया।

लेकिन मोदी सरकार सयानी है और कांग्रेस के झूठ फैलाओं अभियान को करारा जबाव देने के लिए उन्हीं जनता के पास जाकर कुल 200 रैलियां करने जा रही है, जहां-जहां राहुल गांधी झूठ फैलाकर देश को गुमराह करने की कोशिश की है।

तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ कुछ कहती हैं तो सत्ता पक्ष को भी पूरा अधिकार है कि वह उसी जनता के पास जाये और झूठ और सच का अंतर बतलाये।

मोदी जानते हैं कि कांग्रेस झूठ के सहारे ही अब तक सत्ता में वापसी करती आई है और लगातार 5 वर्ष दुष्प्रचार करके भोली-भाली जनता को गुमराह करती रही है, लेकिन इस बार ऐसा संभव नहीं होने वाला दीखता है।

मोदी सरकार कांग्रेसी दुष्प्रचार से निपटने के लिए ही जनता के पास सीधे पहुंच कर सच और झूठ के अंतर को समझाने की कोशिश करेगी और कांग्रेस के दुष्प्रचार के असर को खत्म करने की कोशिश करेगी।

सत्ता पक्ष के खिलाफ कांग्रेस के दुष्प्रचार का सबसे बड़ा उदाहरण अटल बिहारी बाजपेयी सरकार का लिया जा सकता है। अटलजी की पांच साल की सरकार ने बेहतरीन काम किया, बावजूद इसके वापसी करने में नाकाम रहीं ।

कारण था अटल सरकार कांग्रेसी दुष्प्रचार को खत्म करने लिए तत्काल जनता के पास नहीं गई और अच्छे कामकाज के बावजूद कांग्रेस का झूठ जनता के दिल में घर कर गया और अटल सरकार सत्ता में दोबारा वापसी नहीं कर सकी।

शायद यही कारण है कि मोदी सरकार कांग्रेस के झूठ फैलाओ अभियान के खिलाफ जनजागरण रैली आयोजित कर रही है ताकि देश की जनता को सरकार के कामकाज और सफलताओं को बताया जा सके, जिससे जनता दूध का दूध और पानी का पानी समझ सके।

हैट्स ऑफ मोदी जी! क्योंकि अब तक की सभी गैर-कांग्रेसी सरकारें पांच साल बाद ही जनता के फैसले का इंतजार करती थीं, लेकिन इस बार आपने कांग्रेसी दुष्प्रचार से निपटने के लिए प्रति वर्ष जनता के पास जाने का अभियान शुरू करके जनता पर बड़ा उपकार किया है।

क्योंकि अब से पहले कांग्रेसी दुष्प्रचार जनता के बीच वनवे ट्रैफिक की तरह पहुंचता था, जिसकी सच्चाई उन्हें बतलाने के लिए सत्ता पक्ष बाहर ही नहीं निकलता था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि कांग्रेसी दुष्प्रचार में सफल होने से रही।

आज के समय का यह शाश्वत सत्य है कि अच्छा काम करना ही काफी नहीं है बल्कि उसको नगाड़ा पीट-पीटकर जनता को बतलाना भी जरूरी है? वरना अच्छा काम भी हवा के झोंके में नेस्तनाबूद हो जाया करते हैं।

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी इस कला में माहिर हैं। शायद यही कारण है कि गुजरात में सत्ता संभालने से बाद कांग्रेसी दुष्प्रचार गुजरात में बेअसर रहा, क्योंकि मोदी लगातार जनता के संपर्क में रहे और पूरे 20 वर्ष कांग्रेस गुजरात की सत्ता से बाहर है।

कांग्रेस को अब ईमानदार राजनीति की ओर मुड़ना चाहिए, क्योंकि अब वो जनता भी नहीं रही जो अंधानुकरण करेगी और वह समय और जनरेशम भी नहीं रहा जो वोट करने से पहले झूठ और सच को क्रॉसचेक नहीं करेगी।

ईश्वर कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं को सद्बुद्धि दे ताकि वे महज झूठ फैलाने के बजाय एक ईमानदार और बेहतर विपक्ष की भूमिका निभा सकें, क्योंकि एक बेहतर लोकतांत्रिक सरकार के लिए एक प्रतिस्पर्धी विपक्ष का होना बेहद जरूरी है। 

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