दिल्ली के मुख्यमंत्री बनते ही मीडिया सर्कुलर के जरिये मीडिया का मुंह बंद करने की कोशिश करने वाले केजरीवाल के मुंह पर बहुत ही तगड़ा तमाचा लगा है, जिससे अब केजरीवाल को समझ आ जायेगा कि वो मीडिया से जन्में हैं, मीडिया उनसे नहीं?
कैसे इंसान अपनी औकात भूल जाता है, इसके ताजा उदाहरण केजरीवाल हैं। केजरीवाल के वैयक्तिक और व्यवहारिक भ्रष्टाचार पर सवाल उठे तो भाई साहब चले मीडिया को सबक सिखाने?
केजरीवाल की हरकत देख ऐसे लगा जैसे कोई धूप से बचने के लिए सूर्य को ढ़कने का सर्कुलर जारी कर दे।
ये वही केजरीवाल हैं जो महज मीडिया की उपज है, जिसका खुद का कोई अस्तित्व नहीं है, ये उसकी मीडिया सर्कुलर जैसी उन तमाम हरकतों से साबित हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के तमाचे के बाद भी केजरीवाल की हरकतों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि इसकी क्रिया-कलापों से ऐसा ही लगता है।
अभी केजरीवाल टीवी पर एक विज्ञापन में नजर आ रहा है, जिसमें वह दिल्ली में भ्रष्टाचार कम करने की वाहवाही लूट रहा है।
केजरीवाल विज्ञापन में कहता हुआ देखा जा सकता है कि उसने दिल्ली वालों को तथाकथित सस्ती बिजली और पानी और दिल्ली के किसानों को 50,000 प्रति एकड़ मुआवजा भ्रष्टाचार कम करके देने में सफल हुआ?
मतलब केजरीवाल अप्रत्यक्ष रुप से देश के उन सभी राज्यों को मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचारी बता रहा है, जो अपने राज्यों के किसानों को 50,000 प्रति एकड़ मुआवजा नहीं दिया है।
संभव है जल्द ही राज्य सरकारें केजरीवाल के इस ऊल-जुलूल विज्ञापन और प्रचार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायेंगी।
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