मंगलवार, 26 मई 2015

कांग्रेस के विरोध में देशहित नहीं, निजी फस्ट्रेशन दिखता है?

शिव ओम गुप्ता
क्या विपक्षी पार्टियां सिर्फ विरोध के लिए होती हैं। कम से कम मोदी सरकार के एक वर्ष के काम काज पर कांग्रेस औक कांग्रेसी नेताओं के बयान और हरकतों से ऐसा ही लगता है।

आलोचना तो ठीक है, लेकिन कांग्रेस के प्रत्येक विरोध और कटाक्ष में उनका सत्ता गंवाने का फस्ट्रेशन हमेशा हावी दिखता है।

शायद यही कारण है कि कांग्रेसी नेताओं की अच्छी बात और सार्थक विरोध भी उनकी वैयक्तिक खींझ अधिक नजर अाती है, जिससे उनके सारे बयान महज सियासी हो जाते है, जिसका सरोकार जनता में गौड़ ही रहता है और कोई भी नाक-कान देना पसंद नहीं करता है।

कांग्रेस को अपनी शैली बदलनी चाहिए और महज सियासी विरोध के अलावा कंस्ट्रक्टिव विरोध करना चाहिए, जिससे जनता का जुड़ाव हो?

क्योंकि कांग्रेसी नेताओं के विरोध और बयान ऐसे लगते हैं जैसे कोई बच्चा वीडियो गेम खेल रहा है और एक ही बटन दबाकर सभी राजनीतिक दुश्मनों को मारकर सत्ता में पहुंच जायेगी।

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