आप मुझे अंध-भगत कहते हो हमें सच में बुरा नहीं लगता, बल्कि अच्छा ही लगता है कि हम ऐसे आदमी के भगत हैं जिसे सिर्फ विकास और विश्वास की भाषा समझ आती है।
चूंकि आप हमें भगत कहते हो तो हम आपसे भी पूछना चाहते हैं कि आखिर आप किसके भगत हो?
क्या उस सोनिया के जो भारत में इतने साल रहने के बावजूद भी हिंदी बोलना नहीं सीख पाई?
या उस घोंचू के जो एक लाइन लिखने के लिए फ़ोन से नक़ल मारता है?
क्या आप 65 साल तक मानसिक गुलाम और घोटालेबाज पार्टी के भगत थे?
अगर आपको आज हर चीज तबाह नजर आती है, तो क्या आप ये कहना चाहते हो कि 11 महीने पहले तक सब ठीक था?
जैसे नालिओं में गंदे पानी की जगह दूध बहता था ? या अपराध दर शून्य थी ?
या बबूल के पेड पर आम उगते थे? या अमेरिका हमारे पैर पकड़ता था?
या महिला उत्पीडन दर 0% थी? या साक्षरता दर 100% थी ? या कोई किसान आत्महत्या नहीं करता था?
अगर आप इस सरकार को सूट बूट वाली सरकार कहते हो तो आप क्या कहना चाहते हो कि इसके पहले के नेता घटिया और चवन्नी छाप कपडे पहनते थे? या सिर्फ पत्ते लपेटकर ही काम चला लेते थे?
या आप कहना चाहते हो कि देश का प्रधानमन्त्री कोई भोंदू टाइप आदमी होना चाहिए?
आप मोदी की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हो? क्या कभी अपने घर का बजट संतुलित कर पाए हो?
आप हर खाते में 15 लाख की बात करते हो क्या कभी 15 लाख रूपये इकट्ठे देखे हैं?
आप बार-बार विदेश दौरे पर सवाल उठाते हो तो क्या आपको सच में विदेश नीति और सामरिक नीति का ज्ञान है?
आप वही हैं जो 30 साल तक सबसे करीबी श्रीलंका नहीं गए।
जरुरत के समय आपने नेपाल को पेट्रोल देने से मना कर दिया जिससे उसे चीन के पास जाना पड़ा और उसकी हर बात माननी पड़ी।
जो कनाडा हमें urenium देना चाहता था आप 45 साल तक उस कनाडा तक नहीं जा पाए।
कभी सोचा है आपने कि आपके कितने पड़ोसियो के साथ अच्छे सम्बन्ध हैं या वो आपका मुहं देखना भी पसंद करते हैं या नहीं?
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जिसके एक साल के राज में आंखें तरस गई किसी घोटाले की खबर पढने को।
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जो अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि देश के लिए रोजाना 20 घंटे काम करता है।
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जो नवरात्रि के उपवास में भी देश के बाहर रहकर देश का भला करना चाहता है।
हां, हम भगत हैं एक ईमानदार प्रधान सेवक के। दोबारा मत पूछना?
चूंकि आप हमें भगत कहते हो तो हम आपसे भी पूछना चाहते हैं कि आखिर आप किसके भगत हो?
क्या उस सोनिया के जो भारत में इतने साल रहने के बावजूद भी हिंदी बोलना नहीं सीख पाई?
या उस घोंचू के जो एक लाइन लिखने के लिए फ़ोन से नक़ल मारता है?
क्या आप 65 साल तक मानसिक गुलाम और घोटालेबाज पार्टी के भगत थे?
अगर आपको आज हर चीज तबाह नजर आती है, तो क्या आप ये कहना चाहते हो कि 11 महीने पहले तक सब ठीक था?
जैसे नालिओं में गंदे पानी की जगह दूध बहता था ? या अपराध दर शून्य थी ?
या बबूल के पेड पर आम उगते थे? या अमेरिका हमारे पैर पकड़ता था?
या महिला उत्पीडन दर 0% थी? या साक्षरता दर 100% थी ? या कोई किसान आत्महत्या नहीं करता था?
अगर आप इस सरकार को सूट बूट वाली सरकार कहते हो तो आप क्या कहना चाहते हो कि इसके पहले के नेता घटिया और चवन्नी छाप कपडे पहनते थे? या सिर्फ पत्ते लपेटकर ही काम चला लेते थे?
या आप कहना चाहते हो कि देश का प्रधानमन्त्री कोई भोंदू टाइप आदमी होना चाहिए?
आप मोदी की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हो? क्या कभी अपने घर का बजट संतुलित कर पाए हो?
आप हर खाते में 15 लाख की बात करते हो क्या कभी 15 लाख रूपये इकट्ठे देखे हैं?
आप बार-बार विदेश दौरे पर सवाल उठाते हो तो क्या आपको सच में विदेश नीति और सामरिक नीति का ज्ञान है?
आप वही हैं जो 30 साल तक सबसे करीबी श्रीलंका नहीं गए।
जरुरत के समय आपने नेपाल को पेट्रोल देने से मना कर दिया जिससे उसे चीन के पास जाना पड़ा और उसकी हर बात माननी पड़ी।
जो कनाडा हमें urenium देना चाहता था आप 45 साल तक उस कनाडा तक नहीं जा पाए।
कभी सोचा है आपने कि आपके कितने पड़ोसियो के साथ अच्छे सम्बन्ध हैं या वो आपका मुहं देखना भी पसंद करते हैं या नहीं?
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जिसके एक साल के राज में आंखें तरस गई किसी घोटाले की खबर पढने को।
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जो अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि देश के लिए रोजाना 20 घंटे काम करता है।
हां, हम भगत हैं ऐसे नेता के जो नवरात्रि के उपवास में भी देश के बाहर रहकर देश का भला करना चाहता है।
हां, हम भगत हैं एक ईमानदार प्रधान सेवक के। दोबारा मत पूछना?
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