सोमवार, 1 जून 2015

खबरों को केक बना कर परोसते है हिंदी न्यूज चैनल्स

हिंदी के कुछ चुनिंदा टीवी न्यूज चैनलों पर न्यूज देखना और खुद को मूर्ख बना लेने जैसा साबित होता है।

अभी सुबह इन्हीं हिंदी न्यूज चैनल पर देखा कि एंकर पढ़ रहे थे कि पाकिस्तान के जेलों में कथित यातना झेलने से मौत के गाल में समाये शहीद सौरभ कालिया का मामला केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट नहीं ले जायेगी?

एंकर बस यही इतना कह कर ही चुप हो गये? अबे अब ये कौन बतायेगा कि क्यों केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट नहीं जा रही है?

क्यों एंकर नहीं बता रहें हैं इसकी वजह साफ है कि अभी सब बता दिया तो प्राइम टाइम पर विंडो बहस किस पर करेंगे? भले ही दर्शक कनफ्यूज होती रहे और उनकी सेंटीमेंट भड़के? ताकि मामला गर्म हो केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बने!

बात सीधी सी है शिमला समझौते के मद्देनजर भारत-पाकिस्तान आपसी मसले अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट नहीं ले जा सकते। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर केंद्र सरकार से उसका रुख मांगा था, क्योंकि मसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

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