शिव ओम गुप्ता |
अब ऐसे तथाकथित बुद्धि जीवी जब देश की राजनीतिक और सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा करते हैं तो इन पर तरस आता है।
आजकल ऐसे लफ्फूझन्ना टाइप बुद्धिजीवी टीवी न्यूज चैनलों की खिड़कियों पर ऐसे ज्ञान बघारते हैं कि हंसी छूट जाती है।
काश! ये तथाकथित बुद्धि जीवी थोड़ी बहुत भारतीय इतिहास और दर्शन को पढ़ लेते तो अपनी ही संस्कृति और सभ्यता को धर्मनिरेपेक्षता की आड़ बेआबरू नहीं करते।
इनमें टीवी न्यूज चैनलों के तथाकथित एंकर में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं, जो ज्ञान बघारने के चक्कर में खुद के वजूद को भी गाली देने से नहीं चूकते ही है।
इनकी चले तो ये भारतीय संस्कृति, सभ्यता और दर्शन को दुनिया का सबसे बेकार और दूषित प्रचारित कर दें।
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