शिव ओम गुप्ता |
कांग्रेसी रोजाना एक आरोपों का पुर्चा थमा देते हैं और दिनभर रात-दिन भेड़ों की तरह एक-एक कर कूंएं में गिरती रहती हैं।
कोई चैनल का संपादक यह कष्ट करने की कोशिश नहीं करता है कि जो पुर्चा रोज उसे दिया जा रहा है वह चूरन की गोली का हो सकता है।
मतलब कांग्रेसी पुर्चे तथ्य को नहीं, बल्कि माहौल को बरकरार रखने की साजिश भी हो सकती है? जिसे जानबूझकर किया जा रहा है ताकि मीडिया में मसले को जबरदस्ती जिंदा रखा जा सके?
हालांकि मीडिया भी लगातार इन फरेबों में फंसती हुई जा रही है। कोई कुछ कह रहा है इसका मतलब यह है कि वे तय करेंगे कि चैनल की प्राइम टाइम की बहस का मुद्दा क्या होगा?
पिछले 20-25 दिनों टीवी चैनलों पर न्यूज देखना और खुद सिर धुनना एक जैसा हो गया है। कोई भी टीवी न्यूज चैनल खोलते ही कांग्रेस और केजरीवाल की लगाई-बुझाई बातों पर ही बहस हो रही होती है, जिससे कोई प्रोडक्टिव परिणाम नहीं है बावजूद इसके चैनल्स हैं कि हिप्नोटाइज हुए वहीं करते जा रहें हैं।
क्या देश की सारे डवलेपमेंटल स्टोरी नहीं रहीं? पूरा देश संपन्न हो गया है? देश में कहीं कोई बेकारी, बीमारी, लाचारी और भ्रष्टाचारी नहीं रहीं, जिसकी बात की जा सके?
अगर ऐसा है तो अच्छी बात है और अगर नहीं है तो कांग्रेसी ताल पर नाचने को बजाय कुछ जर्नलिज्म भी कर लें? वरना नेताओं के भ्रष्टाचार के बाद मीडिया भ्रष्टाचार पर से लोगों का बिलकुल भरोसा उठ जायेगा!
साला, कांग्रेस के झूठ और दुष्प्रचारों का टट्टू भर बनके रह गई है मीडिया? जो कांग्रेस कहती है, उसे ब्रेकिंग न्यूज बनाकर बेंचने को मजबूर है। और वो कांग्रेस जिसने पूरे 10 वर्ष देश को महंगाई, भ्रष्टाचार और घोटाले से त्रस्त कर रखा था।
कुछ नहीं तो जनता के जनादेश का ही ख्याल रख लो कि जिस जनता ने कांग्रेस को लात मारकर सत्ता से बाहर किया है उसको कितनी तव्वजो देनी चाहिए और कितनी नहीं?
ऐतिहासिक हार से कुम्हलाई कांग्रेस फस्ट्रेशन में है और कुछ हाथ नहीं लग रहा तो झूठ बोल रही है, दुष्प्रचार कर रही है, लेकिन कांग्रेस के आरोपों की पड़ताल करने और उनके तथ्यों को क्रॉस चेक कियो बगैर मीडिया हॉट केक बनाकर उसे ब्रेकिंग न्यूज बनाकर पेश कर रही है और टीआरपी बढ़ा रही है।
कुछ नहीं, कांग्रेसी आरोपों-प्रत्यारोपों वाले खबरों और तथ्यों को खंगाल लो फिर पैकेज, बहस या ब्रेकिंग न्यूज बनाओ? कांग्रेस कोई दूध की धुली नहीं है कि जो कह दिया ब्रह्म वाक्य हो गया और चला दो ब्रेकिंग न्यूज?
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