सोमवार, 15 जून 2015

राहुल गांधी के बाद अब लोग कांग्रेस को भी सुनना बंद कर देंगे?

शिव ओम गुप्ता
पहले लोग राहुल गांधी उर्फ पप्पू की बातों पर ध्यान नहीं देते थे, अब लगता है लोग कांग्रेस की बातों पर अहमियत देना छोड़ देंगे, किसके पास फालतू समय है कांग्रेस के निजी फस्ट्रेशन और सियासी सफेद झूठ के लिए? 

कोई जनहित की बात करें तो कोई सुने भी, लेकिन कांग्रेस डिफीट सिंड्रोम और मोदी फोबिया से ऐसी ग्रस्त है कि हवा से पत्ता भी हिलता है तो मोदी-मोदी की माला जपना शुरू लगते हैं, अब इसका क्या इलाज है?

कांग्रेस भूल रही है कि कांग्रेस की दामन पर इतना दाग है कि अब उसे अगर इटली और फ्रांस में भी ड्राई क्लिनिंग करवाने के लिए भेजेंगे तो दाग नहीं जायेंगे, वो दाग जिसके कारण देश की जनता ने कांग्रेस को देश निकाला दे दिया है।

कांग्रेसी लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद लगातार ऐसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश की है, जिसका जनता का हित नाममात्र भी नहीं है।

याद कीजिये राहुल गांधी और कांग्रेसियों ने किसानों के बहाने सिर्फ अपनी निजी लड़ाई लड़ी है, जबकि कांग्रेसी दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा और राजस्थान की जमीनें तत्कालीन कांग्रेस नीत राज्य सरकारों से मिलीभगत करके कौड़ी के भाव में खरीद कर करोड़ों रुपये बनाये और अब ये चले हैं देश को ईमानदारी की नई परिभाषा बताने गढ़ने?

कांग्रेस को भूलना नहीं चाहिए कि  देश आज भी यह जानना चाहता है कि राहुल गांधी कब ये देश को बतायेंगे कि कैसे 10वीं पास रॉबर्ट वाड्रा ने 10 लाख से 335 करोड़ की प्रॉपर्टी बना ली?

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