इंडिया संवाद नामक तथाकथित ईमानदार पोर्टल चलाने का दावा करने वाले महानुभाव दीपक शर्मा की कहानियां पत्रकारिता से अधिक गाली देकर कुख्यात होने की मुहिम प्रतीत होती है।
पिछले 10 वर्षों की छोटी अवधि की पत्रकारिता में ऐसी ओछी और एकतरफा रिपोर्टिंग मैंने नहीं देखी। यह मेरा दुर्भाग्य हो सकता है, लेकिन तुर्रा यह कि यह सब ईमानदार पत्रकारिता का ठप्पा लगाकर किया जा रहा है।
भला हो केजरीवाल का? कि उन्होंने ईमानदारी की नई परिभाषा गढ़ दी है वरना ऐसी ईमानदार पत्रकारिता को शायद ही कोई मुंह लगाता?
राजनीति और केजरीवाल की ईमानदार राजनीति, पत्रकारिता और दीपक शर्मा की ईमानदार पत्रकारिता सुनकर कल्लू एंड संस की मिठाई की दुकान और असली वाली कल्लू एंड संस की मिठाई की दुकान की याद हो आती है। नक्कलों से सावधान?
लगे रहो भाई! दुकान कैसे भी चलनी चाहिए। फॉलोअर भी मिलेंगे और मिठाई बिकेगी? क्योंकि दुनिया में मूर्खों की तादात हमेशा ही ज्यादा रही है।
#IndiaSamvad #Honest #Journalism #DeepakSharma
पिछले 10 वर्षों की छोटी अवधि की पत्रकारिता में ऐसी ओछी और एकतरफा रिपोर्टिंग मैंने नहीं देखी। यह मेरा दुर्भाग्य हो सकता है, लेकिन तुर्रा यह कि यह सब ईमानदार पत्रकारिता का ठप्पा लगाकर किया जा रहा है।
भला हो केजरीवाल का? कि उन्होंने ईमानदारी की नई परिभाषा गढ़ दी है वरना ऐसी ईमानदार पत्रकारिता को शायद ही कोई मुंह लगाता?
राजनीति और केजरीवाल की ईमानदार राजनीति, पत्रकारिता और दीपक शर्मा की ईमानदार पत्रकारिता सुनकर कल्लू एंड संस की मिठाई की दुकान और असली वाली कल्लू एंड संस की मिठाई की दुकान की याद हो आती है। नक्कलों से सावधान?
लगे रहो भाई! दुकान कैसे भी चलनी चाहिए। फॉलोअर भी मिलेंगे और मिठाई बिकेगी? क्योंकि दुनिया में मूर्खों की तादात हमेशा ही ज्यादा रही है।
#IndiaSamvad #Honest #Journalism #DeepakSharma
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